Babri Masjid Anniversary: आज 6 दिसंबर है, इस तारीख को देश के इतिहास में कभी नहीं भुलाया जा सकता, 6 दिसंबर 1992 को हुई इस अविश्वसनीय घटना ने पूरे भारत को हिला कर रख दिया था. लेकिन आज भी यह घटना सुर्खियों में बनी हुई है. आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं उस विवादित ढांचे की जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता है. साल 1992 में आज के दिन बाबरी मस्जिद को गिराया गया था.
इस दिन राम जन्मभूमि अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी. अब इसी जगह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राममंदिर निर्माण शुरू भी कर दिया गया और इस समय काफी तेजी से चल भी रहा है. माना जा रहा है कि वर्ष 2024 तक राम अम्न्दिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और रामभक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हवाले है.
जानिए क्या है बाबरी मस्जिद का इतिहास
फरगान का आक्रमणकारी जहीर उद-दीन मुहम्मद बाबर, 1526 ई. में पानीपत के पहले युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंशज सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराकर भारत में दाखिल हुआ था. इसके साथ ही बाबर ने भारत में मुगल वंश की स्थापना की थी. जिसके बाद यहां बड़े पैमाने पर मस्जिदों का निर्माण करवाना शुरू कर दिया गया था. उसने पानीपत में पहली मस्जिद बनवाई थी, इसके दो साल बाद बाबर ने 1527 में अयोध्या में एक मस्जिद बनवाई थी.
बाबर ने 1527 में अयोध्या में यह मस्जिद बनवाई
जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाने लगा. इतिहासकारों की माने तो इस मस्जिद को बनवाने के लिए बाबर ने ऐसी जगह चुनी थी जिसे हिंदू अपने अराध्य भगवान श्रीराम का जन्म स्थान मानते थे. इन्हीं विवादों की वजह से बाबरी मस्जिद पर 1949 से ताला लगा हुआ था और नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई थी. जिससे बाद, अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर सैकड़ों साल से विवाद चला आ रहा था.
1.5 लाख से ज्यादा कारसेवकों ने गिराया विवादित ढांचा
भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1990 में आंदोलन शुरू किया था. इसके बाद, 5 दिसंबर 1992 की सुबह से ही अयोध्या में विवादित ढांचे के पास कारसेवक पहुंचने शुरू हो गए थे. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ढांचे के सामने सिर्फ भजन-कीर्तन करने की इजाजत दी थी लेकिन अगली सुबह यानी 6 दिसंबर को भीड़ उग्र हो गई और बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया.
मामला 28 साल तक कोर्ट में चलता रहा
तमाम विवाद के बाद साल 1992 में 6 दिसंबर यानि आज ही के दिन अयोध्या में लाखों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा दिया था. बताया जाता है कि उस वक्त वहां 1.5 लाख से ज्यादा कारसेवक मौजूद थे और महज 5 घंटे में भीड़ ने बाबरी ढांचे को ढहा दिया था. शाम को 5 बजकर 5 मिनट पर बाबरी मस्जिद को धराशायी कर दिया गया. इसके बाद देश भर में साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे. इन दंगों में 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.
आरोपियों की लिस्ट में ये नाम थे शामिल
इसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज की गई और 49 लोगों को आरोपी ठहराया गया था. इस आरोपियों की लिस्ट में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, चंपत राय, कमलेश त्रिपाठी जैसे भाजपा और विहिप के नेता शामिल थे. लेकिन मामला 28 साल तक कोर्ट में चलता रहा और इसी साल 30 सितंबर को लखनऊ की CBI कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
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