बरेली में बिजली विभाग के 5 अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ था। अब अधिकारी परिवार पर राजीनामे का दबाब बना रहे हैं और पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस की ओर से केस दर्ज करने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई।
क्या है पूरा मामला
दरअसल बीते दिनों CM योगी का बरेली दौरा था। इस दौरान कार्यक्रम की तैयारियों में पूरा प्रशासन और सरकारी अमला जुटा हुआ था। सीएम के दौरे से दो दिन पहले रास्ते में बिजली के केबिल हटाने का काम चल रहा था। बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी बरेली पुलिस लाइन से कार्यक्रम स्थल कॉलेज मैदान तक ओवरहेड बिजली केबिल हटाने के लिए लगे हुए थे। इस दौरान संविदा कर्मी कैलाश को होटल के पास केबिल हटाने के लिए खंभे पर चढ़ाया गया।
जिस खंबे पर कैलाश काम कर रहा था उसके ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी। जहां कंरट की चपेट में आने से कैलाश की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने खूब हंगामा किया। मृतक के भाई ने बिजली विभाग मुख्य अभियंता सहित पांच अधिकारियों के खिलाफ थाने में FIR दर्ज कराई।
आरोपियों ने खुद ही बनाई जांच टीम
मिली जानकारी के अनुसार लाइनमैन संजीव ने शटडाउन लिया था और कैलाश संविदा कर्मी को खंभे पर चढ़ने को कहा था। इस हादसे के दौरान मौके पर अधीक्षण अभियंता विकास सिंघल भी मौजूद थे।
बड़ी बात यह है कि जब यह केस दर्ज हुआ तो इन आरोपियों ने नियम को दर किनार करते हुए अधिकारियों ने खुद ही जांच टीम बना ली। अब यह आरोपी अधिकारी पीड़ित परिवार पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। वहीं पुलिस की ओर से केस दर्ज करने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। परिवार सहित हादसे से नाराज संविदा कर्मी कार्यवाही न होने पर आंदोलन की हुंकार भर रहे हैं।