नई दिल्ली। एक्साइज पॉलिसी मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने 30 अक्टूबर को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी. अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट ने 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस केस में 338 करोड़ रुपये के लेनदेन को लेकर कई ऐसे पहलू है, जो संदिग्ध साबित होते हैं. इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाती है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED कर रही जांच
बता दें कि सिसोदिया पिछले आठ महीने से जेल में बंद हैं. इसी साल 26 फरवरी को CBI ने लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारी दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में हुए कथित घोटाले को लेकर हुई थी. बाद में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच ED कर रही है.
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जमानत नहीं मिलने जांच एजेंसियों के लिए बड़ी जीत
मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिलना जांच एजेंसियों – प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियां इस आदेश को जमानत की सुनवाई के दौरान उनकी दलीलों और शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किए गए सबूतों की स्वीकृति के रूप में देख रहे हैं.
शराब कारोबारियों को मौद्रिक लाभ पहुंचाने का आरोप
मामले में नंबर एक आरोपी बनाए गए सिसोदिया को फरवरी में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. सिसोदिया पर इस मामले में सबूत नष्ट करने और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कुछ शराब कारोबारियों के लिए मौद्रिक लाभ के बदले में एक नीति लागू करने की साजिश रचने के आरोप हैं. इसके बाद ईडी ने मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट से पहले ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.