गौतमबुद्धनगर/ललित पंडित: वाहन चोरी के मामलों में अक्सर देखने को मिलता है कि पीड़ित थाने चौकियों के चक्कर लगा लगा थक जाता है लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं होता। कई बार पीड़ित अधिकारियों से शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराने में कामयाब भी हो जाते है। लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद फिर से पीड़ित उसी थाने चौकियों के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाता है जिन्होंने मुकदमा लिखने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। ऐसे ही कुछ प्रकरण जनपद गौतमबुद्धनगर में देखने को मिले है। जहां वाहन चोरी का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस की तत्परता सामने आई।
दरअसल जनवरी माह में जोन 2 के एक थाना क्षेत्र से चोरी हुई एक कार का मुकदमा थाने पर पंजीकृत किया गया। अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हुए थाना पुलिस चंद दिनों में मुकदमे का खुलासा कर देती है। खुलासे में थाना पुलिस ने चोरों को गिरफ्तार करते हुए गाड़ी के पार्ट्स बरामद कर लिए। मुकदमें में थाना पुलिस की कार्यवाही से पीड़ित को तो न्याय नहीं मिला लेकिन थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए खुलासा कर वाह वाही जरूर बटोर ली। वही जब जनपद गौतमबुद्धनगर के एक अन्य थाने की पुलिस द्वारा वाहन चोर गैंग गिरफ्तार किया गया तो उनके कब्जे से एक चलती हुई साबुत कार भी बरामद हुई। सूत्रों की मानें तो पुलिस जॉच में यह सामने आया कि यह वही कार है जोकि जनवरी माह में ज़ोन 2 के थाना क्षेत्र से चोरी हुई थी और बाद में थाना पुलिस ने मुकदमे का खुलासा कर कार के पार्ट्स बरामद दिखा दिए थे।
अब ऐसे में ज़ोन 2 के इस थाना पुलिस की कार्यवाही पर कई बड़े सवाल खड़े होते है। थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चोर भी असली चोर अथवा असली चोर गैंग के सदस्य नही थे। सूत्र बताते है कि थाना पुलिस ने फर्जी खुलासे में कबाडियो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जिनका इस कार चोरी से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था। वही दूसरे थाने की पुलिस द्वारा कार बरामदगी के बाद कार को कनेक्ट करने के लिए मुकदमें की तलाश में जुटी हुई है। साथ ही सूत्र यह भी बताते है कि यह इकलौता मामला नहीं है जिसमे फर्जी खुलासा किया गया है। बीते दिनों हुई कार चोरी के लगभग आधा दर्जन से अधिक मामलों में ज़ोन 2 के इस थाना पुलिस के द्वारा फर्जी खुलासे कर वाह वाही लूटी जा चुकी है।