केंद्र सरकार ने संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा से दिल्ली सर्विस बिल पास कर लिया है। वहीं केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा शुरू होगी। तीन दिन तक चलने वाली बहस का जवाब गुरुवार को पीएम मोदी दे सकते हैं। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद वह विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।
बता दें कि 26 जुलाई को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संबोधित करते हुए एक नोटिस दिया था। नोटिस में कहा गया था कि वो और उनके विपक्षी गठबंधन इंडिया के अन्य सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं जिसकी वो मंजूरी दे दें। इंडिया गठबंधन की ओर से सदन के नियम 198 के तहत मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था।
अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अगस्त को भी दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक चर्चा होगी। बुधवार को ही गृह मंत्री अमित शाह अविश्वास प्रस्ताव पर बयान दे सकते हैं। इस दौरान वह मणिपुर के हालात पर विस्तार से सरकार का पक्ष रखेंगे। इसके बाद 10 अज्ञात को दोपहर 12 बजे फिर से चर्चा शुरू होगी और शाम 4 बजे पीएम नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे। फिर इस प्रस्ताव पर मतदान होगा। मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा की शुरूआत करेंगे। बीजेपी की तरफ़ से करीब 20 स्पीकर होंगे, इनमें स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजवर्धन सिंह राठौर का नाम खासतौर पर शामिल है।
जानिए क्या है अविश्वास प्रस्ताव?
भारत जैसे लोकतंत्र में कोई सरकार तभी सत्ता में रह सकती है जब वह संसद के निचले सदन लोकसभा में अपना बहुमत साबित कर सके। अविश्वास प्रस्ताव संविधान की ओर से सरकार के बहुमत का परीक्षण करने का तंत्र है। संविधान का अनुच्छेद 75(3) कहता है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। सांसदों की सामूहिक जिम्मेदारी को परखने के लिए लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव की अनुमति देती है, जिसे अविश्वास प्रस्ताव भी कहा जाता है। निचले सदन का कोई भी सांसद, जिसके पास 50 सहयोगियों का समर्थन है, किसी भी समय मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। इसे लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 198 के तहत निर्दिष्ट किया गया है।