यूपी में जो लोग MBBS की पढ़ाई करना चाहते है लेकिन अंग्रेजी की कम समझ के कारण वें पढ़ाई नहीं कर पाते है तो उनके लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल मध्यप्रदेश के बाद अब यूपी में भी बच्चे MBBS की पढ़ाई हिंदी में कर सकेंगे। योगी सरकार ने इस दिशा में काम शुरू करते हुए एक पैनल का गठन किया है। वहीं सीएम योगी ने 18 अक्टूबर को यूपी के देवरिया जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने करने के लिए प्रदेश सरकार ‘एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज’ लक्ष्य हासिल करने के काफी करीब है।
हिंदी में मेडिकल की किताबों पर मंथन
उन्होंने आगे कहा कि देवरिया में महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में एम्स और अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज इसी कड़ी में उठाए गए कदम हैं। इस दौरान उन्होंने 477.46 करोड़ रुपये की 233 विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज होगा।
आप को बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में हिंदी में MBBS की पढ़ाई को लागू किया है। वहीं यूपी में योगी सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिए है। वहीं प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग इसको लेकर कई महीनों से जद्दोजहद में लगा हुआ है। मेडिकल की हिंदी में किताबों को लेकर विचार चल रहा है। बता दें कि इन कितानों के प्रबंध के लिए दो विकल्प सामने आए हैं।
कितानों के प्रबंध के लिए दो विकल्प
पहला विकल्प ये है कि मध्य प्रदेश से प्रयोग के लिए हिंदी की किताबें लाई जाएं। वहीं दूसरा विकल्प ये है कि यही पर ही मेडिकल की हिंदी की किताबें तैयार की जाएं। हालांकि विभाग ने कहा है कि पहले से हिंदी में मेडिकल की किताबें मौजूद है उनकी गुणवत्ता की जांच की जा रही है।
यही नहीं प्रदेश सरकार MBBS साथ-साथ नर्सिंग की पढ़ाई पर भी जोर दे रही है। इसी क्रम में प्रदेश के 11 मेडिकल कॉलेज में नवंबर से ही B.Sc नर्सिंग की पढ़ाई जल्द ही शुरू होने जा रही है। पहले चरण में जालौन, अयोध्या, बदायूं, सहारनपुर, बस्ती, बहराइच, आजमगढ़, बांदा, अंबेडकरनगर, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में नवंबर से सत्र शुरू हो जाएगा। नर्सिंग के छात्रों और कॉलेजों ने तैयारी पूरी कर ली है। जबकि अन्य मेडिकल संस्थानों में इसकी शुरूआत अगले सत्र से शुरू होगी।
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