यूपी के अजमेर में हिंदूओं ने ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का बॉयकॉट किया। जिसके चलते अजमेर का कारोबार डूब गया है। दरअसल खादिमो ने भड़काऊ बयान देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि हिंदुओं की दुकान से कोई सामान नहीं खरीदेगा। बयान के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही दरगाह बाजार सुनसान हो गया। जिसके चलतेअजमेर में रेस्टॉरेंट्स की कमाई 90% तक घट गई । तो वहीं होटलों की बुकिंग्स रद्द होने से भी बड़ा झेलना पड़ा। भड़काऊ बयानों के बाद बाजारों में चारों तरफ सन्नाटा पसर गया।
जिसके चलते दुकानदारों व होटल व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। तो वहीं दरगाह में जायरीनो में देर रात तक भीड़ से गुलजार रहता था लेकिन अब संख्या में गिरावट दिखाई दी है।
आपको बता दें कि खादिमों ने नूपुर शर्मा को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। तो वहीं दरगाह के खादिमों का संबंध उदयपुर में कन्हैया लाल का सिर कलम करने वाले जिहादियों से भी है। अजमेर की संकरी गलियों में भी दरगाह पर आने के लिए लोगों की खचाखच भीड़ दिखाई देती थी।
हिंदूओं ने किया दरगाह का बॉयकॉट
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह सदा ही सुर्खियों में रही है। लेकिन इस बार ये विवादित बयानों के कारण चर्चाओं में है। क्योंकि खादिमो ने सोशल मीडिया पर हिंदू दुकानदारों से सामान नहीं खरीदने से बयान दिए है। जिसके बाद हिंदूओं ने भी दरगाह का बॉयकॉट किया है।
जिसके चलते रेस्टॉरेंट्स और ट्रांसपोर्ट के कारोबारियों की बाकी दिन के मुकाबले मात्र 10% ही कमाई हो पाई। यहां तक कि होटलों के लिए किए गए एडवांस बुकिंग्स भी लोग रद्द कर रहे हैं।
वहीं खादिम ऐनुद्दीन चिश्ती ने जानकारी देते हुए बताया है कि शहर की अर्थव्यवस्था रोज आने वाले 15-20 हजार लोगों पर टिकी है। क्योंकि लोगों के दरगाह में नहीं आने और हिंदू की दुकानों के सामान का बहिष्कार करने से दरगाह बाजार, दिल्ली गेट, दिग्गी बाजार और खादिम मोहल्ला, कम्मानी गेट, अंदर कोटे सहित लाखन कोटडी के होटल और गेस्ट हाउस भी रोज बड़ा नुकसान उठा रहे हैं।
अजमेर शरीफ दरगाह की मान्यता
जानकारी के मुताबिक जिन हिंदूओं को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के इतिहास के बार में पता है वो हिन्दू भी बड़ी संख्या में अजमेर शरीफ दरगाह पर आया करते थे।
इसी बीच दरगाह बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष होतचंद सिंघानी ने कहा कि यहाँ आने वाले लोगों पर भड़काऊ बयानों से असर पड़ा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि देश में जो भी होता है उसका अजमेर के बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।सउदयपुर की घटना के बाद से ही लोगों ने यहां आना बंद किया है।
उन्होंने बताया कि अजमेर में स्थित गरीब नवाज की दरगाह में रोजाना हजारों की संख्या में हिंदू व मुस्लिम समुदाय के लोग देश के कोने-कोने से जियारत के लिए आते हैं। लेकिन दरगाह के खादिमो के नफरत के पैगाम के बाद जायरीन दरगाह में हाजरी लगाने से कतरा रहे हैं । इसका नुकसान यहां के स्थानीय दुकानदार, रेस्टोरेंट व होटल संचालकों को हो रहा है ।
नूपुर शर्मा का गला काटने पर मिलेगा मकान
दरअसल अजमेर दरगाह शरीफ के खादिम सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा का गला काट कर लाने वाले को अपना मकान देने की बात की थी। जिसके बाद खादिम का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वहीं दरगाह के अन्य खादिम सैयद सरवर चिश्ती भी ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं। तो दूसरी ओर अजमेर में नूपुर शर्मा के समर्थन में निकाली गई रैली के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें हिंदुओं की दुकानों से सामान नहीं खरीदने की बात कही जा रही है ।