उत्तर प्रदेश: देश के कई जगहों और तमाम योजनाओं में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर देखी जाती है. लेकिन एक मैगजीन पर पीएम मोदी की फोटो को लेकर बवाल मचा हुआ है. दरअसल यह मामला अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) से सामने आया है. जहां AMU के स्टूडेंट्स ने पीएम (PM Modi) की तस्वीर पर आपत्ति जताई है.
इसमें 150 वर्षों से AMU की उपलब्धियों को लेकर छपने वाली मैगजीन (Magazine) में प्रधानमंत्री मोदी की 12 तस्वीरें हैं. छात्रों ने मैगजीन (Magazine) की तस्वीर पर आपत्ति जताते हुए कुलपति से कई सवाल और गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों का कहना है किसी पार्टी को खुश करने के लिए वाइस चांसलर ने मैगजीन छपवाई है. मैगजीन में झूठ छपा हुआ है.
मैगजीन के विशेष अंक पर छात्रों की आपत्तियां:
AMU मोनोग्राम से ‘इल्म इंसान मालम येल’ का गायब होना.
पीएम मोदी की 12 तस्वीरों की तुलना में सर सैयद अहमद खान की केवल एक तस्वीर केवल दो स्थान पर है.
कोरोना महामारी के दौरान विश्वविद्यालय के टीचिंग और नॉन टीचिंग कर्मचारियों की मौत का तो जिक्र ही नहीं है.
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, केंद्रों, प्रकाशन विभाग, बाजार, जनसंपर्क विभाग में राजपत्र की अनुपलब्धता जो विश्वविद्यालय की वेबसाइट सहित राजपत्र प्रकाशित करता है.
जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, AMU की स्थापना 1875 में दर्सगाह के संस्थापक सर सैयद अहमद खान द्वारा की गई थी. उन्होंने 1866 में AMU में एक मैगजीन भी शुरू की, जिसे देश का पहला बहुभाषी राजपत्र कहा गया था. महामारी कोरोना वायरस (corona virus) और टीकाकरण (corona vaccine) पर आधारित विशेष अंक AMU द्वारा प्रकाशित जुलाई 2022 किया गया. जिसे कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने जारी किया. तभी से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी चर्चा में है. इस मैगजीन में छपी पीएम की 12 तस्वीरों पर छात्रों ने आपत्ति जताई है.
एएमयू का मोनोग्राम हटाया गया
छात्रों का कहना है प्रधानमंत्री मोदी की 12 तस्वीरों की तुलना में AMU के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की केवल दो तस्वीरें हैं. AMU की पहचान को नष्ट करने का वाइस चांसलर द्वारा काम किया जा रहा है, विशेष मुद्दे पर AMU के मोनोग्राम से ‘इल्म इंसान मलम याल’ को हटा दिया गया है, जिसे देखकर AMU छात्रों में नाराजगी है.
कुलपति के नाम पर आपत्ति के तर्क
आपको बता दें कि इस मैगजीन में कुलपति को कोविड टीकाकरण (Covid vaccination) परीक्षण के पहले स्वयंसेवक के रूप में दिखाया गया है. दरअसल, 10 नवंबर 2020 को AMU में कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए स्वयंसेवकों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी. उद्घाटन के दिन AMU के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अपना पहला पंजीकरण कराया था.
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