माफिया अतीक अहमद के ISI से लिंक की खबरें सामने आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार अतीक के करीबियों की कंपनी एमजे इंफ्रा स्टेट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स जाफरी स्टेट लिमिटेड के अकाउंट से ISI के यूसुफ को रकम भेजी गई थी। यूसुफ के जरिए अतीक की ISI के लोगों से मुलाकात हुई थी। यूसुफ ISI के कमांडर सलीम के लिए काम करता था।
अतीक ने की थी ISI एजेंट की मदद
26 जनवरी 2010 को मेरठ की रूबी को रुड़की और पाकिस्तानी असद को हरिद्वार में गिरफ्तार किया गया था। दोनों ISI के एजेंट थे। पाकिस्तानी असद ने नाम बदलकर पासपोर्ट भी बनवाया था। तब अतीक के लोगों ने ही उसकी मदद की थी। तभी अतीक और सलीम संपर्क में आए। वहीं जून 2011 में रुड़की से पकड़े गए मेरठ निवासी ISI एजेंट फुरकान अहमद ने मददगार के तौर पर अतीक का नाम लिया था, लेकिन तब जांच आगे नहीं बढ़ी थी।
ISI और लश्करे तैयबा से है अतीक के कनेक्शन
वहीं रिमांड कॉपी के मुताबिक वह पाकिस्तान से हथियार मंगवाता था.. इस कॉपी में जिक्र किया गया है कि अतीक ने खुद कुबूल किया है कि उसके पास हथियारों की कोई कमी नहीं है। कॉपी में ये भी लिखा गया है कि अतीक ने माना है कि उसका पाकिस्तानी एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्करे तैयबा से कनेक्शन था। अब सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे अतीक अपने हथियारों को पाकिस्तान से मंगवाता था..
पाकिस्तान से कैसे हथियार मंगवाता था अतीक
जानकर हैरानी होगी कि अतीक अपने हथियारों को पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये मंगवाता था। ये हथियार पंजाब की सीमा में गिराए जताए थे। उन हथियारों को अतीक खुद ठिकानों तक लाता था। जैसा कि सभी जानते हैं कि अतीक के तगड़े लोकल कनेक्शन थे जिसके जरिए वह हथियारों को एक जगह जमा करता था। इसी तरह से जम्मू कश्मीर में दहशतगर्दों को भी हथियार प्रोवाइड कराए जाते हैं।