यूपी में नगर निकाय चुनाव को लेकर आज बड़ा दिन है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में OBC आरक्षण से जुड़ी जनहित याचिका फैसला सुना दिया है। प्रदेश में बिना OBC आरक्षण के चुनाव होंगे। हाईकोर्ट में सरकार और वादी पक्ष की ओर से दलीलें पेश की गई थी। जिसके बाद बेंच ने कहा कि महाराष्ट्र के विकास किशन राव गवली केस में सुप्रीम कोर्ट ने OBC को अलग से आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को जरूरी बताया है। इसलिए सरकार निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट करते हुए एक डेडीकेटेड कमीशन बनाए और ओबीसी को आरक्षण दे। समय पर निकाय चुनाव हो यह सरकार सुनिश्चित करें। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि बिना ट्रिपल टेस्ट के जिन सीटों पर ओबीसी को आरक्षण दिया गया है, उन्हें अनारक्षित माना जाए।
93 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई
वहीं हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दिया है। बेंच ने निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निकाय चुनावों को बिना OBC आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की बेंच इस मुद्दे पर दाखिल 93 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की है।
दरअसल वादी पक्ष ने निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के नियमों को दरकिनार करते हुए आरक्षण जारी करने का आरोप लगाया गया है। पिछली सुनवाई में न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने तारीखों के ऐलान पर अंतरिम रोक लगा रखी है। लेकिन आज HC ने OBC आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है।
इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय चुनाव मुद्दे पर सुनवाई हुई थी, लेकिन..
वहीं इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव मुद्दे पर बीते शनिवार को सुनवाई की थी। लेकिन इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने करीब 15 दिन से चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर रोक लगाई थी।