नवजोत सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की पिटीशन पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि हम चीफ जस्टिस के पास मामले को भेज रहे हैं, वे ही इस पर सुनवाई का फैसला करेंगे। सिद्धू ने स्वास्थ्य के आधार पर कोर्ट से एक हफ्ते की मोहलत मांगी थी।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू को अब जेल जाना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव पिटीशन को तत्काल सुनने से इनकार कर दिया है। सिद्धू को अब कोर्ट में सरेंडर करना होगा, नहीं तो पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी।
क्यूरेटिव पिटीशन क्या होता है ?
क्यूरेटिव पिटीशन किसी भी सजायाफ्ता को राहत का अंतिम जरिया होता है। इसमें सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 142 का उपयोग करता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान को अंतरिम जमानत देने में और राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी को रिहा करने में इस आर्टिकल का इस्तेमाल किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट किसी भी विचाराधीन मामले में अपनी शक्ति का उपयोग कर फैसला करता है।
परिवार ने कहा- हम संतुष्ट है
मृतक गुरनाम सिंह के परिवार ने कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट हैं। उनकी बहू परवीन कौर ने कहा कि 34 साल की लड़ाई में कभी उनका मनोबल नहीं टूटा। उन्होंने कभी सिद्धू के क्रिकेटर और नेता के रसूख पर ध्यान नहीं दिया। उनका लक्ष्य सिर्फ सिद्धू को सजा दिलाना था। जिसमें वह कामयाब रहे।
कई नेताओं ने कसा तंज
यूथ अकाली दल के प्रधान परमबंस सिंह बंटी रोमाणा ने सिद्धू पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि हाथी पर चढ़ने के वक्त तो सेहत बढ़िया थी। सरेंडर करते वक्त घबराहट हो रही है। कल तो कहा था कि कानून का पूरा सम्मान करते हैं।
मीडिया सलाहकार का आया बयान
इस पर सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर डल्ला ने कहा कि सिद्धू ने सांकेतिक प्रदर्शन किया था। उनकी सर्जरी हुई है। जिसका अभी ट्रीटमेंट चल रहा है। सिद्धू गेहूं की रोटी नहीं खा सकते, वह स्पेशल डाइट खाते हैं। उनकी लीवर की प्रॉब्लम है। उनके पैर में भी प्रॉब्लम है। सिद्धू जेल से नहीं डरते लेकिन वहां जाने से पहले पूरी जानकारी दे रहे हैं। सिद्धू किसी भी वक्त सरेंडर के लिए तैयार हैं।
(By: ABHINAV SHUKLA)