NEW DELHI : कोरोना जैसे ही देश में आया तो सब उथल -पुथल हो गया। भई कोरोना ने सब बदल कर रख दिया। कोविड के कारण लगे लॉकडाउन में बहुत से लोगों का रोजगार तक छीन गया था और इस कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। जनाब आर्थिक स्थिति इतनी बिगड़ी की अब तक लोग इसका सामना कर रहे है। बहुत से लोग तो इतना भी नहीं कमा पा रहे कि वे अपने जरूरी खर्चें पूरे कर सकें. इसलिए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को मैच्योरिटी से पहले ही बंद कर दिया।और करते भी क्या वो लोग ,उनके पास और चारा ही क्या था ,यहाँ तक उनके जरूरी खर्चे पुरे नहीं हो रहे तो वो बिमा पॉलिसी के पैसे कहा से भरे। क्या आपको पता है जब कोई पॉलिसीधारक मैच्योरिटी से पहले ही अपनी पॉलिसी को सरेंडर करता है तो उसे जमा कराए गए प्रीमियम का बहुत कम हिस्सा वापस मिलता है. इसको लेकर कंपनियों के वैसे तो अलग-अलग नियम हैं.
तीन साल तक प्रीमियम जमा
एलआईसी किसी जीवन बीमा पॉलिसी की सरेंडर वेल्यू तभी देती है, जब तीन साल तक प्रीमियम जमा कराया गया हो. गारंटीड सरेंडर वेल्यू का वर्णन पॉलिसी के डॉक्यूमेंट में होता है.यानि भारत में लोग बड़ी संख्या में अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों को मैच्योर होने से पहले ही सरेंडर कर रहे हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में 2.30 करोड़ बीमा पॉलिसियों को समय से पहले ही बंद करा दिया गया. वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले तीन गुना ज्यादा बीमा पॉलिसियों को वित्त वर्ष 2021-22 में मैच्योरिटी से पहले बंद कराया गया. वित्त वर्ष 2020-21 में केवल 69.78 लाख जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर की गई थी.पॉलिसीधारकों के पास पैसे की कितनी तंगी है कि वो इतना नुकसान झेलने को तैयार हो गए की लोगों ने अपनी जीवन बीमा पॉलिसी को मैच्योरिटी से पहले ही बंद कर दी । वित्त वर्ष 2021-22 में सरेंडर हुईं जीवन बीमा पॉलिसियों एवरेज पेड वेल्यू 62,552 रुपये रही है. यह वित्त वर्ष 2020-21 की सरेंडर हुईं वेल्यू से लगभग आधी ही रही है. वर्ष 2020-21 में यह वेल्यू 1,67,427 रुपये थी. अब आप सोच रहे होंगे की सरेंडर वैल्यू क्या होती है तो सरेंडर हुई वेल्यू वह पैसा होता जो पॉलिसीधारक को पॉलिसी को प्री-मैच्योर सरेंडर करने पर मिलता है.
2.30 करोड़ बीमा पॉलिसियों को समय से पहले ही बंद करा दिया
एलआईसी की 2.12 करोड़ पॉलिसी वित्त वर्ष 2021-22 में सरेंडर हुई. इनकी सरेंडर वैल्यू केवल 43,306 रुपये रही. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में सरेंडर वैल्यू 1,49,997 रुपये थी.देश में काम कर रही 24 बीमा कंपनियों में से 16 कंपनियों की सरेंडर बीमा पॉलिसियों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बढ़ी. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम सहित मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ, आदित्य बिड़ला सनलाइफ, श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस ,कोटक महिंद्रा, टाटा एआईए, एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस,बजाज आलियांज, केनरा-एचएसबीसी, , फ्यूचर जेनेराली इंडिया, एडलवाइस टोकियो लाइफ इंश्योरेंस ,एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस,अवीवा जीवन बीमा और भारती एक्सा कंपनियों की सरेंडर होने वाली बीमा पॉलिसियों की संख्या में इजाफा हुआ है.
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