नई दिल्लीः राजधानी में केजरीवाल सरकार के मंत्री शुरू से केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे है. साल 2015 में जब से आम आदमी पार्टी (AAP) अलग-अलग कारणों से दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर सात बार छापेमारी हो चुकी है. सीएम अरविंद केजरीवाल के कार्यालय से लेकर, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के यहां छापेमारी की गई है.
यह दूसरी बार है जब सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के घर छापा मारा है. सीएम केजरीवाल के अनुसार, इससे पहले भी कई बार छापेमारी हो चुकी है, लेकिन CBI के हाथ कुछ नहीं लगा. इस बार भी कुछ नहीं मिलेगा. CBI को उसका काम करने दे. दरअसल, पिछली CBI छापों में मंत्री अब तक किसी भी मामले में दोषी नहीं पाए गए हैं.
आम आदमी पार्टी इन कार्यों को राजनीति से प्रेरित और केजरीवाल सरकार की लोकप्रियता का कारण बताती है. इस बीच आप सांसद राघव चड्ढा का कहना है कि राजनीतिक दबाव के चलते ही यह कार्रवाई की गई है. मनीष सिसोदिया पर इस बार ये कार्रवाई केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के डर से सामने आई है.
आपको बता दें कि 2015 में केजरीवाल ने भारी बहुमत से सरकार बनाई थी, फिर एक साल के भीतर 22 जनवरी 2016 को सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित उनके कार्यालय पर छापा मारा. उस समय से शुरू हुआ ये सिलसिला वह आगे भी चलता रहा. फिर जून 2017 में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा गया.
AAP सरकार के मंत्रियों पर कब-कब किसकी हुई रेड
- 22 जनवरी 2016, को सीएम अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में CBI की हुई छापेमारी.
- 16 जून 2017, में मनीष सिसोदिया के घर पर CBI की रेड, टाक टू एके अभियान को लेकर.
- 10 अक्टूबर 2018, में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के घर पर चोरी के आरोपों में आयकर विभाग ने की छापेमारी
- 30 मई 2018, में सत्येंद्र जैन पर शेल कंपनियों को कैश पैसा देने के मामले में CBI की रेड
- 7 जून 2022, में सत्येंद्र जैन पर ED की छापेमारी हुई, तब से यह EDकी हिरासत में है.
- 19 अगस्त 2022, में मनीष सिसोदिया के कार्यालय में शराब नीति को लेकर CBI की रेड.
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