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Ghaziabad: 9 साल का बाद नरसंहार के दोषी को मिली फांसी की सजा

Ghaziabad: 9 साल का इंतजार हुआ खत्म, नरसंहार के दोषी को मिली फांसी की सजा

गाजियाबाद में 9 साल पहले हुए एक नरसंहार मामले में न्याय का इंतजार खत्म हो गया है। जिसमें एक कारोबारी के परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। लूट के इरादे से पूरे परिवार को मौत के घाट उतार देने वाले ड्राइवर राहुल वर्मा को DC कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की अदालत में फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा कि परिवार के 7 सदस्यों की हत्या की घटना दुर्लभतम श्रेणी का अपराध है।

सनसनीखेज वारदात को दिया अंजाम

कोर्ट ने इस मामले में राहुल को दोषी करार दिया था और सजा पर बहस के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की थी। 21 मई 2013 को घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया था। कारोबारी सतीश गोयल का ड्राइवर राहुल वर्मा नरसंहार को अंजाम देने के बाद लाखों रुपए के गहने और नकदी लेकर भागा था। वह करीब 9 साल से डासना जेल में बंद है।

नरसंहार की कहानी

21 मई 2013 को घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्ग कारोबारी सतीश गोयल और उनके पूरे परिवार की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई थी। मृतक कारोबारी के दामाद सचिन मित्तल ने कोतवाली थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्याकांड का मुकदमा दर्ज कराया था। मृतकों में कारोबारी सतीश गोयल, उनकी पत्नी मंजू गोयल, पुत्र सचिन गोयल, पुत्र वधू रेखा गोयल और तीन पौत्र पौत्री शामिल थे।

6 हजार रुपये कैश सहित लाखों के जेवरात बरामद

वहीं वारदात के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू किया और इस सनसनीखेज हत्या के आरोप में राहुल वर्मा को घटना के अगले दिन ही 22 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने राहुल के पास से छह हजार रुपए नगद और सोने चांदी के लाखों के जेवरात भी बरामद किए थे।

कोतवाली पुलिस ने दो दिन बाद 24 मई को हत्यारे राहुल वर्मा को पुलिस रिमांड पर लेकर हत्या में प्रयुक्त चाकू और खून से सने कपड़े भी बरामद किए। राहुल वर्मा कारोबारी का कार चालक था। राहुल घटना से करीब 15 दिन पहले कारोबारी सतीश गोयल के घर से साढ़े चार लाख रुपए चोरी कर फरार हो गया था। तब से नौकरी पर नहीं आ रहा था।

भारी नगदी की उम्मीद में हुई वारदात

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया कि 22 मई 2013 को सतीश चंद्र गोयल की किडनी ट्रांसप्लांट होनी थी। राहुल को इसके बारे में जानकारी थी। उसे अनुमान था कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए घर में रखे 25 से 30 लाख रुपए मिल सकते हैं। इसी इरादे से राहुल ने 21 मई की रात वारदात को अंजाम दिया था

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