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चीन सीमा पर तैनाती के लिए 48 जेट पैक सूट और 100 रोबोटिक खच्चर खरीदने की तैयारी, भारतीय सेना होगी अब और ताकतवर

चीन सीमा पर तैनाती के लिए 48 जेट पैक सूट और 100 रोबोटिक खच्चर खरीदने की तैयारी, भारतीय सेना होगी अब और ताकतवर

भारतीय सेना ने अगली परिवर्तनकारी छलांग लगाते हुए विशेष परिस्थितियों में तैनाती के लिए 48 जेटपैक सूट और 100 रोबोट खच्चर खरीदने का फैसला लिया गया है। बता दें कि चीन सीमा पर हालातों से निपटने के लिए सरकार से सशस्त्र बलों को दी गई आपातकालीन शक्तियों के तहत यह टेंडर जारी किए गए हैं। अमेरिका और यूके के बाद भारत तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास जेटपैक सैनिक होंगे। भारतीय सेना ने अपनी सूची में हाईटेक उपकरण शामिल करने के लिए 100 रोबोटिक खच्चर और 48 जेटपैक सूट खरीदने के लिए निविदा जारी की है, जो सैनिकों को 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से उड़ान भरने में सक्षम बना सकता हैं।

अलग-अलग निविदाएं जारी की गई

वहीं सेना के अधिकारियों का कहना है कि 100 रोबोट खच्चरों और 48 जेट पैक सूट खरीदने के लिए अलग-अलग निविदाएं जारी की गई हैं। यह खरीद आपातकालीन प्रावधानों और फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत की जाएगी। दोनों उत्पादों के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 7 फरवरी है। वहीं सफल बोली लगाने वाले को कम से कम दस साल के लिए रखरखाव प्रबंधन करना होगा।

12 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में सक्षम

वहीं सैन्य अधिकारियों के अनुसार यह उत्पाद मेक इन इंडिया प्रावधानों के तहत बलों को आपूर्ति किये जाएंगे। जेट पैक सीट टरबाइन आधारित प्लेटफॉर्म है, जो अलग-अलग इलाकों में सैनिकों को सतह से सुरक्षित रुप से उठा सकता है। सेना ने निर्दिष्ट किया है कि जैक पैक सूट को सुरक्षित चढ़ाई, सुरक्षित टेक ऑफ और लैंडिंग और सभी दिशाओं में अटैक करने में सक्षम होना चाहिए। सूट जोट ईंधन, डीजल या मिट्टी के तेल पर चल सकता है। वहीं अधिकतम गति 80 मील प्रति घंटा है और यह तकनीकी रूप से 12 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में सक्षम हैं। जेटपैक की शेल्फ लाइफ 10 साल होनी चाहिए।

वहीं आपको बता दें कि निविदा के अनुसार रोबोट खच्चरों को 10 हजार फीट की ऊंचाई तक सामान ले जाने में सक्षम होना चाहिए। सेना के टेंडर में कहा गया है कि रोबोट को ऊबड़खाबड़ इलाकों में चढ़ाई चढ़ने और नीचे जाने में सक्षम होना चाहिए। दरअसल, सेना अभी तक उच्च ऊंचाईयों पर तैनात सैनिकों के लिए रसद आदि पहुंचाने के लिए पशु परिवहन को बदलने के लिए रोबोटिक खच्चर खरीदना चाहती है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि रोबोट खच्चरों का उपयोग ”स्काउट खच्चरों” के रूप में भी किया जाएगा, जो 10 किलो का वजन ढोने की क्षमता रखते हों। सेना का मानना है कि प्रासंगिक पेलोड के साथ रोबोट खच्चरों को कम से कम 100 किमी दूर से ट्रैक किया जाएगा।

यूनाइटेड किंगडम के रॉयल मरीन भी कर रहे जेटपैक का उपयोग

वहीं सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद भारत तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास जेटपैक सैनिक होंगे। सेना के सूत्रों ने कहा कि इनका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं के अलावा कई जगहों पर किया जा सकता है। यूनाइटेड किंगडम के रॉयल मरीन भी जेटपैक का उपयोग कर रहे हैं। सेना ने दो आरएफपी में कहा कि दोनों के लिए प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश के छावनी बोर्ड बकलोह में होगा।

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