पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी पेड़ों की कटान को लेकर काफी सख्त हैं। दिशा की बैठके में दो बार उन्होंने अवैध आरा मशीनों पर शिकंजा कसने के निर्देश भी दिए। उनके निर्देश के बाद रस्म अदायगी हुई फिर स्थिति जस की तस रही। इसी को लेकर एक साथ 7 (सात) आरा मशीनों पर हुई कार्रवाई इसकी बानगी मात्र है। इसने साफ कर दिया है कि जिले में पुलिस और वन विभाग के संरक्षण में अवैध आरा मशीनें आज भी संचालित हैं।
बताते दें की उप प्रभागीय वन अधिकारी शिव शंकर सिंह की ओर से पुलिस और वन टीम की संयुक्त टीम ने 7 (सात) आरा मशीनों पर रेड डाला।बुलडोजर की मदद से आरा मशीन जो अवैध रूप से संचालित थी उनके कलपुर्जे उखाड़ दिए गए। इस दौरान क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल रहा। वन अधिकारियों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि किसी भी दशा में जंगल में पेड़ काटने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वन माफियाओं पर लगाम कसने के तौर पर इस कार्रवाई को भी देखा जा रहा है।
कूरेभार क्षेत्र में 7 (सात) अवैध आरा मशीनों पर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। वन माफिया अवैध रूप से चोरी चुपके लकड़ियों को काटने और उनके व्यवसायिक उपयोग का काम कर रहे थे। जिनपर मुकदमा दर्ज कर जुर्माना वसूलने की कार्रवाई भी आगे चलती रहेगी,
वन विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने कूरेभार थाना क्षेत्र के टिहरा गांव में अशोक विश्वकर्मा, बगहरौली में द्वारिका प्रसाद, ठेसरुआ में द्वारिका विश्वकर्मा, निहाल सिंह का पुरवा में मंगरू, किरौंदीपुर में मुन्नू ति बीबीवारी, कूरेभार में नदीम व सेमरा में खुर्शीद अहमद की आरा मशीनों को सीज कर कार्यवाही कि है।