अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अब बॉर्डर से सटे मदरसों की जांच करने जा रहा है, जिसकी शुरुआत आज से शुरू होगी और एक महीने तक यह जांच चलेगी।आपको बता दें उत्तर प्रदेश से सटे जितने भी विदेशी बॉक्सर सीमा से लगे ज़िले हैं उन सभी ज़िलों में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग उन मदरसों की जाँच करेगा जिनमें पहले भी फंड को लेकर अनियमंता पाई गई थी। कई ऐसे मदरसे थे जो पहले भी अपने हाय का सूत्र नहीं बता पाए थे या यूँ कहें कि उनके होने वाले फंड के लेकर जो दस्तावेज़ जारी किए जाते थे वो लोग जाँच अधिकारियों के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। अब ऐसे मदरसों की फिर से जांच शुरू की जा रही है।
माना जा रहा है नेपाल बॉर्डर से सटे मदरसों की अब जाँच होगी। जिनके सूत्र ने कहा कोई भी लेन देन रिकॉर्ड्स में नहीं है अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने ऐसे 9 ज़िलों को चिन्हित किया है, जो कि नेपाल बॉर्डर से मिलते हैं और उन में तनाव ऐसे मदरसे हैं जिनमें अपनी आर्थिक शोध का उन्होंने भी लेखा जोखा या कहें डॉक्यूमेंट्स मौजूद नहीं है इसको लेके अब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अपनी शीर्ष अधिकारियों की एक टीम बना के ऐसे मदरसों की जाँच करेगा जो नेपाल बॉर्डर से सटे हैं और जिनके पास अपने आज इस संयुक्त का कोई भी लेखा जोखा मौजूद नहीं है।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अपने शीर्ष अधिकारियों की दो टीमें बनायी है जो कि अलग अलग ज़िलों में जाकेजाँच करेंगी और अगले महीने 13 जुलाई के बाद अपने एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
जिन दो टीमों को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में बनाया गया है उनका नेतृत्व विशेष सचिव आनंद क्रॉसिंग वह मदरसा बोर्ड के ऋण साख जगमोहन सिंह करेगी जो कि आज से अपना द्वारा शुरू कर रही है और 11 जुलाई तक अपने दौरे पर रहेगी इसमें बलरामपुर बहराइच श्रावस्ती ज़िले मौजूद रहेंगे जिनमें ये दोनों अधिकारी अपनी टीम के साथ जा के तमाम मदरसों के लेखा जोखा कॉपी जाँच करेंगे। डॉक्यूमेंट्स के साथ करेंगे और देखेंगे कि नॉन फंड लगता है कि सरकार से सहायता प्राप्त जिनको नहीं है उन्नत अपना को कौन फंडिंग कर रहा है और फंड का क्या मक़सद हो सकता है और फंडिंग कहाँ से आ रही है।
वहीं दूसरी टीम का नेतृत्व आतंक प्यार रात के निदेशक जे रीभा वह संयुक्त निदेशक आर पी सिंह के नेतृत्व में होगा यह टीम 20 जून से दौरे पर रहेंगी अपने दौरे के दौरान पीलीभीत आतंकवाद लखीमपुर के दौरे पर रहेगी यह टीम आपको बता दें कि पहले भी प्रदेश सरकार ने ग़ैर मान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर 1 अभियान चलाया था जिसमें क़रीब 2000 के आस पास मदरसों की जाँच की गई थी जो कि ग़ैर मान्यता प्राप्त है उसमें ये देखा गया था कि किस तरीक़े से फंडिंग आती है उसके पीछे कौन लोग हैं और फंड का दुरुपयोग तो नहीं होता है।
उसके बाद तमाम ऐसे सबूत मिले थे की ज़ोर बॉर्डर है लगता है कि इंटरनेशनल बॉर्डर के आस पास के जो जिन्हें उन्हें तमाम ऐसे मदरसे चलते हैं जिनको लेकर संशय प्राप्त है और माना जाता है कि उसकी जाँच कराने की माँग कई दिनों से चल रही थी जिसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अब जाँच के निर्देश दे दिए है अब देखा जा रहा है कि उन मदरसों में फंडिंग करने वाले कौन लोग हैं ये पैसा कहाँ से आता है और क़िस्मत में कितना पैसा ख़र्च होता है और ये पैसे कहाँ कहाँ से कब कब से आ रहे हैं इसको लेकिन ये दोनों टीमें अपनी रिपोर्ट दौरा जुलाई को शासन को सौंपेगी और माना जा रहा है कि इसके बाद जिन मदरसों में अनियमितताएं पाए जाएंगें उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।