नई दिल्ली: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ का निधन हो गया हैं, उनके निधन के बाद कोहिनूर हीरे (Kohinoor Diamond) को लेकर एक बहस छिड़ गई थी. जिसके लेकर तरह-तरह के दावे भी किए जा रहे थे. तो वहीं, भारत ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक ब्रिटेन से कोहिनूर वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि ब्रिटेन के सामने भारत कई बार इसकी मांग उठाता चुका है और आगे भी उठाता रखेगा.
कोहिनूर की मांग के बारे में विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे बताया कि इस मामले (Kohinoor Diamond) पर सरकार की प्रतिक्रिया कुछ साल पहले संसद में बताई गई थी. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले संसद में इसका जवाब दिया था, लेकिन हमने कहा है कि हम ब्रिटेन सरकार से बात कर रहे हैं और हम मामले का संतोषजनक समाधान निकालने के तरीके और उपाय तलाशते रहेंगे.
कोहिनूर की मांग को लेकर अलग-अलग दावे
इस बीच महाराजा दलीप सिंह ने 1849 में महारानी विक्टोरिया को 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा (Kohinoor Diamond) दिया था. फिर 1937 में इसे महारानी के ताज में लगा दिया गया. इन सबके बीच ब्रिटिश मीडिया में कुछ ऐसी अटकले हैं कि अगले साल छह मई को होने वाले कार्यक्रम में जब कैमिला को महारानी का खिताब दिया जाएगा, उस समय वह ताज पहन सकती है. तो वहीं, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद, भारत में अनेक ट्विटर यूजर ने कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग की है.
कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग
महारानी के बेटे प्रिंस चार्ल्स के गद्दी संभालने के साथ ही 105 कैरेट का हीरा उनकी पत्नी डचेस कॉर्नवॉल कैमिला के पास चला गया है. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद सोशल मीडिया पर कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग उठने लगी है. कई ट्विटर यूजर्स ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि कोहिनूर हीरा भारत का है. इसे ब्रिटेन से वापस देश में लाया जाना चाहिए. पुरी स्थित श्री जगन्नाथ सेना संगठन ने इस संबंध में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में कहा गया कि कोहिनूर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का है. इसलिए इसे वापस लाने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करें.
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