New Delhi: कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में मतदान की प्रक्रिया खत्म हो गई है. बताया जा रहा है करीब 90% मतदान हुआ है. अब 19 अक्टूबर को मतगणना होगी. कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार सुबह 10 बजे से पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मतदान शुरू हो गया था। मतदान शुरू होने से पहले कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने मतदान बूथ का निरीक्षण किया। उसके बाद वोटिंग शुरू हुई.
कांग्रेस को दो दशक बाद गैर गांधी अध्यक्ष मिलने जा रहा है। इसके लिए प्रदेश पार्टी मुख्यालय में सवेरे 10 बजे से मतदान शुरू हो चुका है, जो चार बजे तक चलेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला है। अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष का पद सोनिया गांधी संभाल रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था तब दोबारा से सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में काम करने के लिए कहा गया था।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बनाए गए दो बूथों पर बैलेट पेपर से वोटिंग हो रही है। अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक दिव्या मदेरणा, सचेतक महेंद्र चौधरी भी अपना-अपना वोट डाल चुके हैं। वहीं, सचिन पायलट दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में वोट देंगे। वोटिंग नियम में भी रातों-रात बदलाव किया गया है। राजस्थान में 414 पीसीसी सदस्य है जो वोट डालने के लिए अधिकृत है। इन सभी को परिचय पत्र दिया गया है। इसमें बार कोड से इनकी पहचान हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में वोटिंग पैटर्न में रातों रात बदलाव किया गया है। पहले उम्मीदवार के नाम के आगे मार्कर से नंबर लिखना था, लेकिन देर रात इसमें बदलाव कर दिया गया। अब जिस उम्मीदवार को वोट करना है, उसके नाम के आगे राइट का निशान लगाया जा रहा है। अन्यथा वोट खारिज माना जाएगा। पोलिंग बूथ पर बैलेट पेपर के साथ मार्कर पेन रखा गया है, उसी से राइट का निशान लगाया जा रहा है।
विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गांधी परिवार से रिश्तों को लेकर चल रही चर्चाओं पर पहली बार सीएम ने बयान दिया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष चुनाव में वोट देने पहुंचे गहलोत ने कहा कि मेरे गांधी परिवार के रिश्ते तर्क से परे हैं। गांधी परिवार से वो रिश्ता पहले भी था है और रहेगा। राजस्थान में सीएम के बदलाव पर आगे क्या होगा? इस सवाल पर गहलोत ने कहा कि आप लोग मेरी चिंता करते हो, आगे क्या होगा? गांधी परिवार से मेरे रिश्ते 19 अक्टूबर के बाद भी वैसे ही रहेंगे जो 50 साल से रहे हैं। इसके आगे का जवाब खड़गेजी चुनाव जीतने के बाद ही आपकाे देंगे।
उन्होंने कहा कि 19 अक्टूबर के बाद भी उनके और गांधी परिवार के रिश्ते वैसे ही बने रहेंगे जैसे पहले थे। मेरे और गांधी परिवार के रिश्ते उसी तरह हैं जिस तरह एक बार विनोबा भावे ने कहा था कि मेरे और गीता माता के संबंध तर्क से परे हैं। इसी तरह मेरे और गांधी परिवार के रिश्ते भी विनोबा भावे और गीता माता के रिश्ते की तरह तर्क से परे हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि मेरे और गांधी परिवार के रिश्ते सभी तर्कों से परे भी हैं और और जिंदगी भर रहेंगे। राहुल गांधी से बेल्लारी में हुई चर्चा को लेकर गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी से पहले भी चर्चा होती रही है और आगे भी होती रहेगी।
इधर राजस्थान में मल्ल्किार्जुन खड़गे के पक्ष में एकतरफा वोटिंग होने के पूरे आसार हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद खड़गे के प्रस्तावक के तौर पर उन्हें वोट देने की अपील कर चुके हैं। राजस्थान के कांग्रेस डेलिगेट्स को भी खड़गे को वोट देने के लिए अलग से फोन किए गए हैं। वहीं, शशि थरूर को राजस्थान से वोट मिलने की संभावना न के बराबर हैं। थरूर के छह पोलिंग एजेंट बनाए गए नेताओं में से कोई भी पीसीसी या एआईसीसी मेंबर नहीं है। सभी एजेंट्स वोटर नहीं हैं। थरूर को पोलिंग एजेंट बनाने के लिए वोटर नेता नहीं मिलने से साफ माना जा रहा है कि एकतरफा वोटिंग तय है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में वोटिंग के लिए दो बूथ बनाए गए हैं। अध्यक्ष चुनाव में 414 कांग्रेस डेलिगेट्स वोट डालेंगे। आज वोटर्स, पोलिंग एजेंट्स और चुनाव प्रक्रिया में शामिल नेताओं को छोड़कर किसी को भी कांग्रेस मुख्यालय में एंट्री नहीं दी जा रही है। कल ही मतपेटियां कांग्रेस मुख्यालय लाई जा चुकी हैं।
शशि थरूर के छह नेता पोलिंग एजेंट बने हैं। इनमें से कोई वोटर नहीं है। मल्लिकार्जुन खड़गे के पोलिंग एजेंट बने चारों नेता पीसीसी मेंबर होने के कारण वोटर्स हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के चार पोलिंग एजेंट्स में पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, कांग्रेस नेता रामसिंह कस्वां, ललित तूनवाल, मुमताज मसीह शामिल हैं। शशि थरूर के पोलिंग एजेंट में रामेश्वर विजय, अविनाश थानवी, डॉ दीपक चौधरी, आदित्यनाथ शर्मा, अमन जैन, अशोक कुमार सोनी शामिल हैं।