लखनऊ। यूपी में दूरसंचार नेटवर्क सुविधा नियमावली 2022 रूपी नया कानून लागू होने जा रहा है। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा है। बता दें कि इस कानून के तहत अब बिजली के खंभों का इस्तेमाल करने वाले केबल और ब्रॉडबैंक ऑपरेटरों साथ ही 5जी नेटवर्क का प्रयोग करने वाली दूरसंचार कंपनियों को शुल्क देना होगा। इस कड़ी में नए कानून को अधिसूचना जारी करने के लिए राज्य सरकार को भेज दिया गया है। इसमें बड़ी बात ये है कि इससे विभाग को होने वाले मुनाफे का 70 फीसदी हिस्सा बिजली उपभोक्ताओं के लिए खर्च किया जाएगा। तो वहीं 30 फीसदी हिस्सा पावर कारपोरेशन को दिया जाएगा।
दूरसंचार नेटवर्क सुविधा नियमावली 2022 को अतिंम
वहीं विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह औक सदस्य बीके श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर करते हुए दूरसंचार नेटवर्क सुविधा नियमावली 2022 को अंतिम रूप दिया।

इस कानून के तहत अब राज्य में सभी बिजली कंपनियों के द्वारा शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के खंभों और टावरों पर अब कोई भी सरकारी या फिर प्राइवेट दूरसंचार कंपनी ब्रॉडबैंड, डिस ऑपरेटर आ 5जी नेटवर्क की कोई भी तार, इसके अलावा केबल का इस्तेमाल करेगा तो उसे शुल्क देना होगा। साथ ही सुरक्षा मानक को देखते हुए आयोग ने फैसला लिया है कि 33 केवी लाइन टावरों को छोड़कर ये कार्य किया जाएगा। दूरसंचार कंपनियों को इसके लिए टेंडर दिया जाएगा है।
बिजली की दरें कम रहेंगी
इस बीच विद्युत परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के चेयरमैन से मुलाकात की। इस दौरान परिषद द्वारा उठाए गए समस्त बिंदुओं को नए कानून में शामिल करने के लिए आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि इससे होने वाली आय को गैर टैरिफ आय में सम्मिलित किया जाएगा। इससे विभाग को होने वाले मुनाफे का 70 फीसदी हिस्सा बिजली उपभोक्ताओं के लिए खर्च किया जाएगा। तो वहीं 30 फीसदी हिस्सा पावर कारपोरेशन को दिया जाएगा। इससे बिजली की दरें कम रहेंगी।