संसद सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भारी हंगामे के बाद लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष के नेता जहां अडाणी मामले की जांच के लिए JPC की मांग पर अड़े रहे, वहीं भाजपा के सांसद लंदन में दिए गए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग पर डटे रहे। इधर, सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर विपक्ष 16 नेताओं ने बैठक की।
इसमें हिंडनबर्ग -अडाणी रिपोर्ट की जांच के लिए JPC की मांग को लेकर सरकार पर और दबाव बनाने पर सहमति बनी। सभी दलों ने एक सुर में अडाणी मामले में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।इसके अलावा बैठक में यह भी तय हुआ कि अडाणी मामले की जांच को लेकर एक चिट्ठी लिखी जाएगी, जिस पर सभी विपक्षी सांसदों के दस्तखत होंगे। इसे ED को सौंपा जाएगा और जांच की मांग की जाएगी। इसके लिए संसद से लेकर ED ऑफिस तक पैदल मार्च किया जाएगा। इससे पहले संसद सत्र के तीसरे दिन भी भाजपा और कांग्रेस के बीच राहुल और अडाणी मु्द्दे को लेकर जमकर टकराव हुआ। वहीं भाजपा ने भी लड़ने के लिए अपना एक मु्द्दा उठा लिया। भाजपा ने जहां एक बार फिर लंदन में राहुल गांधी के दिए बयान को लेकर उनसे सदन में माफी की मांग की।
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने जमकर मचाया हंगामा
वहीं कांग्रेस और विपक्षी दलों ने अडाणी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट की JPC से जांच की मांग को लेकर हंगामा किया। आखिरकार हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा। इसके बाद दोंनो सदनों की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

लेकिन इसके बाद कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने अडाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की मांग करते हुए बुधवार को संसद भवन से पर्वतन निदेशालय के मुख्यालय की ओर मार्च निकाला। हालंकि पुलिस ने उन्हे विजय चौक पर ही रोक लिया। प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा को ईमेल किए गए पत्र में विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह संस्था अपने अधिकार क्षेत्र का त्याग नहीं कर सकती और उसे जांच करनी चाहिए।
200 सांसदों को रोकने के लिए 2 हजार पुलिसकर्मी तैनात
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष माल्लिकार्जुन खरगे और कई विपक्षी नेता जब ईडी मुख्यालय के लिए संसद भवन से निकले तो पुलिस ने विजय चौक पर उन्हें रोका। पुलिस ने विजय चौक के निकट अवरोधक लगा रखे थे। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाताओं से कहा, “हम अडाणी समूह के घोटाले के मामले में ज्ञापन देने के लिए ईडी निदेशक से मिलने जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें रोक लिया और विजय चौक तक भी जानें नहीं दिया। उन्होंने दावा किया, “लाखों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। एलआईसी, स्टेट बैंक और दूसरे कई बैंक बर्बाद हो गए हैं। लोगों के बेंकों में रखे पैसे एक व्यक्ति को दे दिए गए। एक व्यक्ति अचानक से इतना अमीर हो गया। आज इस व्यक्ति की संपत्ति 13 लाख करोड़ रुपये को गई है। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जांच होनी चाहिए कि अडाणी और मोदी जी का रिश्ता क्या है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘सरकार ने 200 सांसदों को रोकने के लिए 2 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया है। वे बात लोकतंत्र की करते हैं, लेकिन हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को भी रोका जा रहा है। हम तो सिर्फ ED के ऑफिस जाकर अडाणी मामले की डिटेल इन्वेस्टिगेशन के लिए शिकायती चिट्ठी देना चाहते थे। हमें रोकना कौन सा लोकतंत्र है।’