बांदा जिले के करतल के रहने वाले ब्रजेश के घर दिवाली से पहले एक बेटे ने जन्म लिया। त्योहार के मौके पर बेटे के जन्म ने घर खुशियों से भर दिया। लेकिन अचानक नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी। नवजात को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसे देखते हुए ब्रजेश ने बच्चे को जिला महिला अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन ब्रजेश ने आरोप लगाया है कि जब वह बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचा तो डॉक्टरों ने उससे 15 सौ रूपये घूस देने को कहा।
घूस ना देने पर पुलिस बुलाकर धमकाया
जब शख्स ने डॉक्टर को कहा कि वह बहुत गरीब है इसलिए वह पैसे नहीं दे सकता, तो डॉक्टर ने उसे वहां से भगा दिया। फिर उसे 12 बजे बुलाकर बच्चे को प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में ले जाने को कहा। उन्होंने कहा कि तुम्हारे बच्चे की हालत बेहद गंभीर है। जब तक ब्रजेश कुछ पाता तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन ने मदद करने की बजाए पुलिस बुलाकर उसे धमकाना शुरू कर दिया। 23 अक्टूबर की ये घटना है।
पूरा मामला
वहीं ब्रजेश ने बताया कि बच्चे की तबीयत हल्कि खराब थी। किसी ने कहा कि जिला महिला अस्पताल में अच्छा डॉक्टर है इसलिए हम बच्चे को यहां लेकर आए थे। बच्चा अच्छे से सांस ले रहा था डॉक्टरों ने कहा कि कोई घबराने की बात नहीं है बहुत जल्द ठीक हो जाएगा। फिर डॉक्टर ने कहा कि दिवाली के मौके पर बच्चे ने जन्म लिया है खुशी के मौके पर कुछ खातेदारी करों। मैंने कहा कि गरीब हूं सहाब में आपकी सेवा नहीं कर सकता।
इतने में डॉक्टर कहता है गरीब तो हम है जो त्योहार पर भी यहां बैठें है। हमसे गरीब हो तुम हम घर नहीं जा पा रहे है। फिर मुझे बाहर निकालते हुए बोले निकलो जब बुलाया जाए तब आना। 15 मिनट के बाद बच्चे को नाजुक बताते हुए ले जाने को कहा। रात के 12 बज रहे थे।
जांच में अस्पताल को दी क्लीन चीट
वहीं अस्पताल की सफाई में सीएमएस ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही वह अस्पताल पहुंची थी। परंतु उन्हें ऐसा कुछ नहीं मिला। पैसे मांगने की बात पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है अस्पताल ने बच्चें को बचाने की पूरी कोशिश की। फिलहाल दोबारा जांच कराई जा रही है अगर ऐसा कुछ मिलता है तो आरोपी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी।