Hidden Warning for RJD:बिहार चुनाव के नतीजों ने राज्य की राजनीति में कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। आरजेडी भले ही 25 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी हुई है, लेकिन इन सीटों की गहराई में जाएं तो तस्वीर उतनी मजबूत नहीं दिखती। दरअसल, आरजेडी की 25 में से 15 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जीत का अंतर 10 हज़ार वोटों से भी कम रहा। यह बेहद पतला अंतर बताता है कि थोड़े से वोटों का इधर-उधर होना नतीजों को पूरी तरह बदल सकता था।
सबसे हैरान करने वाली सीट ढाका रही, जहां आरजेडी उम्मीदवार सिर्फ 178 वोट से जीत पाए। यहां बूथ-दर-बूथ मुकाबला इतना करीबी था कि 200 वोट भी इधर-उधर होते तो सीट हाथ से निकल जाती। इसी तरह जहानाबाद में 793, बोधगया में 881, मखदूमपुर में 1830 और टिकारी में 2058 वोट के छोटे अंतर ने चुनाव को बेहद रोमांचक बना दिया।
ब्रह्मपुर में जीत का अंतर सिर्फ 3220, महीशी में 3740, मधेपुरा में 7809 और रानीगंज में 8530 वोट रहा। इन सभी सीटों पर तिकोनी लड़ाई थी, और कुछ बूथों पर थोड़ा कम या ज्यादा मतदान भी परिणाम बदल सकता था।
10 हजार से कम अंतर से जीती गई सीटें
ढाका – 178
जहानाबाद – 793
बोधगया – 881
मखदूमपुर – 1830
टिकारी – 2058
ब्रह्मपुर – 3220
महीशी – 3740
मधेपुरा – 7809
वरसलीगंज – 7543
फतुहा – 7992
बिस्फी – 8107
मोरवा – 8671
रानीगंज – 8530
रघुनाथपुर – 9248
मटिहानी – 5290
हल्की बढ़त क्यों बन जाती है खतरा?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जिस सीट पर जीत का अंतर बहुत कम होता है, वहां पार्टी की पकड़ कमजोर मानी जाती है। इसका मतलब यह है कि स्थानीय नाराजगी या पिछले कामकाज का असर अगली बार भारी पड़ सकता है। आरजेडी के लिए असली चिंता यह है कि उसका पारंपरिक वोट बैंक कई क्षेत्रों में कमजोर दिखा। खासकर कोसी, मगध और मिथिलांचल में पार्टी को उम्मीद के मुताबिक वोट ट्रांसफर नहीं मिला।
अगर मतदान पैटर्न में हल्का-सा बदलाव होता या कुछ बूथों पर थोड़ा ज्यादा मतदान हो जाता, तो आरजेडी की सीटें 25 से घटकर सिर्फ 10 पर आ सकती थीं। यह साफ करता है कि पार्टी की जीत मजबूत नहीं, बल्कि बहुत किनारे की जीत है। युवाओं का झुकाव कम होना, महिलाओं का अपेक्षित समर्थन न मिलना और कई सीटों पर मुस्लिम-यादव समीकरण का कमजोर पड़ना ये सभी वजहें आरजेडी को बेहद करीबी अंतर से जीत दिला पाईं। इसलिए यह नतीजे आरजेडी के लिए संकेत हैं कि आने वाले चुनावों में उसे जमीनी स्तर पर और मेहनत करनी होगी।








