Agnipath Scheme Protest: नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को भारतीय सेना में ‘अग्निपथ’ नाम की योजना का ऐलान किया। सरकार ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे सेना में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, लेकिन योजना का ऐलान होने के अगले ही दिन बिहार के बक्सर में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले कई युवा इसके खिलाफ उतर आए।
इन अभ्यर्थियों ने बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंचकर रेलवे ट्रैक को जाम करने की कोशिश की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ये अभ्यर्थी अग्निपथ स्कीम को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे।
ये लोग पिछले दो साल से सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो मेडिकल टेस्ट में पास हो गए और एग्जाम का इंतजार करते रह गए। कुछ ने एग्जाम भी दे दिया और रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं।
रेलवे पुलिस इन अभ्यर्थियों को समझाती नजर आई कि इस तरह प्रदर्शन करने से कोई फायदा नहीं होगा। आपको बता दें कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में बेरोजगारी कम करने के साथ ही रक्षा बजट पर वेतन और पेंशन के बोझ को भी घटाना है। लेकिन सेना में अहम पदों पर रह चुके पूर्व अफसरों ने इस योजना पर चिंता जताई है।
अग्निपथ योजना क्या है?
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा।
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी।