Bihar में ‘हाई वोल्टेज’ ड्रामा: लालू ने बांटे सिंबल, तेजस्वी ने लिए वापस; NDA में भी ‘बड़े भाई’ पर रार

बिहार चुनाव से पहले INDIA और NDA दोनों गठबंधनों में हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है। RJD में लालू यादव ने सिंबल बांटे, पर तेजस्वी ने दिल्ली से लौटकर उन्हें वापस ले लिया। उधर, NDA में सीट बंटवारे को लेकर नीतीश कुमार 'बड़े भाई' की भूमिका पर अड़े हैं।

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Bihar elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रदेश की राजनीति में गठबंधन (INDIA और NDA) दोनों ही खेमों में हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामा जारी है। विपक्षी महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में सीट शेयरिंग पर जारी तकरार के बीच सोमवार देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने राबड़ी देवी के आवास पर पार्टी सिंबल बांटने शुरू कर दिए, लेकिन देर रात दिल्ली से लौटते ही तेजस्वी यादव ने इस फैसले को पलट दिया और उम्मीदवारों से सिंबल वापस ले लिए।

वहीं, सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) भी सीट बंटवारे को लेकर संकट में है, जहां Bihar मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘बड़े भाई’ की भूमिका को लेकर नाराज हैं, जिससे मौजूदा फॉर्मूले में संभावित बदलाव की आशंका गहरा गई है। गठबंधन की अंदरूनी रार और नेताओं की नाराजगी ने बिहार की सियासत को गरमा दिया है।

RJD में देर रात तक चला ‘सिंबल’ ड्रामा

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में सोमवार की शाम उस वक्त बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला, जब पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने बगैर सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दिए कुछ संभावित उम्मीदवारों को राबड़ी देवी के आवास पर पार्टी का चुनाव चिन्ह (सिंबल) बांट दिया। कई नेताओं ने सिंबल लेकर अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ आवास से बाहर कदम रखा, लेकिन यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिक पाई।

सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी द्वारा सिंबल बांटने की खबर दिल्ली में मौजूद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची, जिसने तेजस्वी यादव के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बनने से पहले सिंबल बांटना ठीक नहीं है, खासकर तब जब कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान भी नहीं किया है।

कांग्रेस से मिले सख्त मैसेज के बाद, तेजस्वी यादव ने देर रात पटना लौटते ही मोर्चा संभाल लिया। उनके आवास पहुंचते ही, जिन नेताओं को लालू यादव ने सिंबल दिए थे, उन्हें तुरंत राबड़ी आवास पर वापस बुलाया गया। सूत्रों की मानें तो आधी रात को बारी-बारी से इन नेताओं को अपने सिंबल वापस करने पड़े। हालांकि, सिंबल लौटाने वाले नेताओं ने इस घटनाक्रम पर मीडिया के सामने चुप्पी साध ली। माना जा रहा है कि कांग्रेस को साधने और महागठबंधन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए तेजस्वी ने यह बड़ा फैसला लिया।

NDA में भी ‘बड़े भाई’ की भूमिका पर रार

विपक्षी खेमे में जहां सिंबल को लेकर ड्रामा है, वहीं सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट शेयरिंग को लेकर असंतोष खुलकर सामने आ गया है। जानकारी के अनुसार, मौजूदा सीट बंटवारे के फॉर्मूले से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज़ हैं।

मौजूदा सीट शेयरिंग फॉर्मूला (जिस पर असंतोष है):

  • JDU: 101
  • BJP: 101
  • LJPR (रा): 29
  • HAM (से): 6
  • RLM: 6

सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि नीतीश कुमार को यह स्वीकार्य नहीं है कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ें। उनका मानना है कि JDU हमेशा से NDA में ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रही है और सीटों की संख्या में बराबरी का फॉर्मूला पार्टी की हैसियत को कम करता है। नीतीश कुछ JDU कोटे की सीटें चिराग पासवान की पार्टी को दिए जाने से भी असहमत हैं और अपनी सिटिंग सीटें किसी भी सहयोगी दल के लिए छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

इस बीच, छोटे सहयोगी दल जीतन राम मांझी की ‘हम’ (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की ‘आरएलएम’ (RLM) भी 6-6 सीटें मिलने से नाखुश बताए जा रहे हैं।

NDA में संभावित बदलाव का फॉर्मूला:

नीतीश कुमार की नाराजगी और मांझी-कुशवाहा को साधने के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूले में बदलाव की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो बीजेपी अपने कोटे से एक सीट मांझी को और चिराग पासवान की LJPR (रा) अपने कोटे से एक सीट कुशवाहा को दे सकती है।

  • JDU: 101 (बदलाव नहीं)
  • BJP: 100 (1 सीट कम)
  • LJPR (रा): 28 (1 सीट कम)
  • HAM (से): 7 (1 सीट ज्यादा)
  • RLM: 7 (1 सीट ज्यादा)

अगर यह फॉर्मूला लागू होता है, तो बीजेपी ‘छोटे भाई’ की भूमिका में आ जाएगी, क्योंकि वह JDU से एक सीट कम पर लड़ेगी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या चिराग पासवान अपनी एक सीट छोड़ने को तैयार होंगे, जिससे एनडीए में Bihar सीट बंटवारे का पेंच सुलझ सके।

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