नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले 15 साल बाद भारतीय जनता पार्टी और ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJP और BJD) दोबारा फिर से गठबंधन कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार दोनों पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस पर हामी भर दी है और लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर भी बात बन चुकी है। अभी तक इसकी कोई अधिकारीक सूचना नहीं हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि बहुत जल्द जल्द ही गठबंधन का आधिकारिक तौर पर औपचारिक ऐलान किया जाएगा। जिसको लेकर बीजेपी-बीजेडी नेताओं में बैठकों का दौर जारी है।
BJP और BJD में बीजेपी को होगा फायदा
ऐसे में अगर BJP और BJD दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हो जाती है तो इससे बीजेपी को फायदा होगा। पार्टी के लिए 400 पार नारे के टारगेट तक पहुंचने के लिए उड़ीसा में बीजेडी के रूप में मजबूत क्षेत्रीय साथी मिलेगा। दोनों दलों के एकजुट होने से उड़ीसा में कांग्रेस के साथ एनडीए की सीधी टक्कर देखने को मिलेगी जहां फायदा बीजेपी को होगा। ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। दोनों पार्टी के गठबंधन के तहत जीती हुई सीट एनडीए के खाते में जुड़ेगी।
पिछले चुनाव में बीजेडी मिली थी ज्यादा सीटें
लोकसभा चुनाव 2019 में में बीजेडी-12, बीजेपी 8 और कांग्रेस को 1 सीट पर सफलता मिली थी। इसके साथ साथ दोनों दलों के साथ आने से बीजेपी के वोट शेयर में इजाफा होगी। साल 1998 में जब दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़े थे बीजेपी का वोट शेयर 21.2 प्रतिशत था। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 38.4 प्रतिशत और बीजेडी 42.8 प्रतिशत वोट मिला था।
बीजेडी को क्या होगा फायदा?
BJP और BJD गठबंधन राज्यसभा में भी बीजेपी की संख्या बढ़ाएगी। वर्तमान में बीजेडी से राज्यसभा में 9 सांसद हैं। पार्टी इसे मजबूत करना चाहेगी इसके साथ साथ बीजेडी ओडिशा विधानसभा में भीअपनी ताकत मजबूत करना चाहती है। मीडिया सूत्रों के अनुसार गठबंधन के बाद बीजेपी ओडिशा में लोकसभा की ज्यादा सीटों पर लड़ेगी तो बीजेडी विधानसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटों पर लड़ेगी। इसके साथ साथ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी को विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन की भी आवश्यकता है। जिसे गठबंधन के जरिए हल किया जा सकेगा और बीजेपी उसकी मदद कर सकती है ।
BJP और BJD में विरोध महज दिखावा है : कांग्रेस
गठबंधन की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मीडिया से कहा कि राज्य में बीजेडी और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों पार्टी हमेशा एक दूसरे के मदद को तत्पर रहतें हैं। बीजेडी ने हमेशा संसद में बीजेपी का समर्थन भी किया है। राज्य में एक दूसरे के प्रति विरोध महज एक दिखावा है।