क्या है ईडी का दावा
ईडी का दावा है कि हमें Arvind Kejriwal की जमानत याचिका का विरोध करने का पूरा मौका नहीं दिया गया, इसलिए निचली अदालत के जमानत आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने ईडी के वकील को सलाह दी कि आपको कोर्ट के फैसले को सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए। हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद ही साफ हो पाएगा कि अरविंद केजरीवाल आज रिहा होंगे या नहीं। दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि जब तक सीएम केजरीवाल को मिली जमानत को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक ट्रायल कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं होगा।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केजरीवाल की जमानत के खिलाफ ईडी के हाईकोर्ट जाने को लेकर कहा, ‘मोदी सरकार की गुंडागर्दी देखिए, अभी तक ट्रायल कोर्ट का आदेश नहीं आया है, आदेश की कॉपी भी नहीं मिली है, फिर मोदी की ईडी किस आदेश को चुनौती देने हाईकोर्ट गई है? इस देश में क्या हो रहा है? न्याय व्यवस्था का मजाक क्यों उड़ा रहे हो मोदी जी, पूरा देश आपको देख रहा है?’
देश में बढ़ी तानाशाही
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने कहा, ‘देश में तानाशाही इतनी बढ़ गई है कि ईडी किसी को कोई छूट नहीं देना चाहती। ईडी अरविंद केजरीवाल के साथ देश के आतंकवादी जैसा व्यवहार कर रही है। केजरीवाल का जमानत आदेश अभी अपडेट भी नहीं हुआ था और ईडी स्टे लेने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई। लेकिन हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है और हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट न्याय करेगा।’
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गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। इससे पहले केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। इसके बाद उन्होंने 2 जून को सरेंडर कर दिया था।
क्या हुआ था कल
अवकाशकालीन न्यायाधीश न्याय बिंदु ने केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दो दिन तक चली सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। इससे पहले उन्होंने दिन में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि चूंकि मामला हाई प्रोफाइल है, इसलिए वे बहस पूरी होने के तुरंत बाद फैसला सुनाएंगी।
ED ने गुरुवार शाम को आदेश सुनाए जाने के बाद पूछा कि क्या 48 घंटे के लिए जमानत बांड पर हस्ताक्षर टाले जा सकते हैं, ताकि आदेश को अपीलीय अदालत में चुनौती दी जा सके। अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। केजरीवाल को एक लाख रुपये का निजी मुचलका दिया गया है।
क्यों अरेस्ट हुए केजरीवाल
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि वह कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अब समाप्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में जानबूझकर खामियां छोड़ने की साजिश का हिस्सा थे।
ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब विक्रेताओं से प्राप्त रिश्वत का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव अभियान के लिए किया गया था और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए उत्तरदायी हैं। केजरीवाल ने आरोपों से इनकार किया है और ED पर जबरन वसूली का एक संगठन चलाने का आरोप लगाया गया है।