Bangladesh: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के चलते व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण Bangladesh प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। उन्हें सेना ने केवल 45 मिनट का समय दिया, जिसके बाद वे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचीं। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उनका स्वागत किया और उनके भविष्य के कदमों पर चर्चा की।
सेना द्वारा अंतरिम सरकार की घोषणा
शेख हसीना के देश छोड़ने के तुरंत बाद, Bangladesh के सेना प्रमुख वकार उज जमान ने कहा कि एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जिसमें सभी दलों को शामिल किया जाएगा। आरक्षण आंदोलन के दौरान जिन लोगों की हत्या हुई है, उन्हें न्याय मिलेगा।
मोहम्मद यूनुस: एक संक्षिप्त परिचय
मोहम्मद यूनुस, जिनका जन्म 28 जून 1940 को हुआ, एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, बैंकर, सामाजिक उद्यमी और सिविल सोसायटी के नेता हैं। उन्होंने 2006 में ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना की, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 2009 में प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम और 2010 में कांग्रेसनल गोल्ड मेडल से भी नवाजा जा चुका है।
शिक्षा और करियर
यूनुस ने 1961 से 1965 तक बांग्लादेश के चटगांव विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और फिर वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय से पीएचडी की। उन्होंने बांग्लादेश में किसानों को समृद्ध बनाने के लिए ग्रामीण बैंक की स्थापना की और माइक्रो लोन की शुरुआत की।
राजनीतिक और सामाजिक योगदान
यूनुस ने 2007 में नागरिक शक्ति नाम की राजनीति पार्टी भी बनाई। उन्होंने श्रम कानून के उल्लंघन के कारण 6 महीने की सजा भी भुगती। वे 2012 से 2018 तक स्कॉटलैंड के ग्लासगो विश्वविद्यालय के चांसलर रहे और 1998 से 2021 तक संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में भी काम किया।
Sheikh Hasina: हिंसा के बीच बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने छोड़ा देश
शेख हसीना के भारत पहुंचने की कहानी
शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ने के लिए सेना ने हेलीकॉप्टर का उपयोग करने दिया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार थीं। हसीना का विमान हिंडन एयरबेस पर उतरा, जहां एनएसए अजीत डोभाल ने उनका स्वागत किया और स्थिति पर चर्चा की।
विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि
Bangladesh में पिछले महीने से आरक्षण विरोधी आंदोलन चल रहा था, जिसमें छात्रों ने सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया था। यह आरक्षण 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिवारों के लिए था। इस विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बाद में सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया।
निष्कर्ष
बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति में मोहम्मद यूनुस का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सामने आ रहा है। उनके नेतृत्व में बनने वाली अंतरिम सरकार से देश को स्थिरता और न्याय की उम्मीद है। शेख हसीना का देश छोड़ना और मोहम्मद यूनुस का नाम आगे आना, बांग्लादेश के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन का संकेत है।