CAA -2019 कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नई चाचिका, 250 से अधिक याचिकाओं पर विचार कर रही कोर्ट

CAA: New aunt in Supreme Court regarding Citizenship Amendment Rules -2019 law, court is considering more than 250 petitions

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के बाद देश में Citizenship Amendment Rules -2019 (CAA) लागू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट में आयी जानकारी के मुताबिक अधिनियम के खिलाफ अभी तक करीब 250 से अधिक आवेदन सुप्रीम कोर्ट में किए जा चुके है। मामले मे अब नई जानकारी सामने आ रही है। दरअसल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर कर केंद्र को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर तब तक रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई, जब तक कि शीर्ष अदालत के समक्ष नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैं।

CAA के संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए आवेदन

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को Citizenship Amendment Rules -2019 (CAA)  लागू किया गया था। जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता प्रदान करने के लिए संसद द्वारा कानून पारित होने के चार साल बाद नियमों को अधिसूचित किया गया है। जिसके बाद अधिनियम को संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए आवेदन दायर किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में 250 से अधिक आवेदन

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) द्वारा दायर आवेदन में अदालत से यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है कि कोर्ट के फैसले लंबित रहने तक मुस्लिम समुदाय से संबंधित लोगों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए और मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी नागरिकता देने के लिए आवेदन करने की अस्थायी अनुमति दी जाए और उनकी पात्रता को लेकर केन्द्र द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा भी नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 (CAA) पर रोक लगाने की मांग करते हुए एक अलग आवेदन दायर किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में मामले हैं लंबित

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत पहले से ही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार कर रही है।

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