Gujarat: पेंटागन को पछाड़ने की प्रतिस्पर्धा में नहीं था सूरत में बना दुनिया का सबसे बड़ा डायमंड बोर्स, निर्माण से पहले ही सभी कार्यालय बिके, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

डायमंड बोर्स photo

नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री मोदी के हाथों से आज दुनिया के सबसे बड़े कार्यलाय का उद्घाटन किया गया. ये कार्यालय गुजरात के सूरत में स्थित है. 17 दिसंबर यानी रविवार दुनिया के सामने आए इस कार्यालय का नाम सूरत डायमंड बोर्स है. इससे पहले दुनिया के सबसे बड़े कार्यालय होने का तमगा अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन के पास था. लेकिन अब सबसे बड़ी इमारत गुजरात के सूरत में पूरी तरह से बनकर तैनात हो गया है. इस इमारत को हीरा व्यापार का केंद्र माना जा रहा है.

ऐसी बनी है डायमंड बोर्स की खास सरंचना

बता दें कि गुजरात का सूरत विश्व की रत्न राजधानी के रूप में जाना जाता है. दरअसल यहां पर दुनिया के करीब 90 फीसदी तक हीरे तलाशे जाते हैं. इसी को मद्देनजर रखते हुए सूरत में डायमंड बोर्स इमारत को बनाया गया है. यहां पर करीब 65,000 से अधिक हीरा पेशेवर एक साथ काम सकते हैं. 35 एकड़ भूमि में फैले इस इमारत में करीब 15 मंजिल हैं. इसके साथ ही इसमें 9 आयताकार संरचनाएं बनी हुई हैं. जो कि एक केंद्र के माध्यम से आपस में जुड़ती हैं.

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मात्र 4 साल में बनकर पूरा हुआ डायमंड बोर्स

इसको बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इसमें 7.1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक फर्श मौजूद है. वहीं इसको बनाने में कुल 4 साल का समय लगा है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस बड़े कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में एक मनोरंजन क्षेत्र और एक पार्किंग क्षेत्र मौजूद हैं, जो कि 20 लाख वर्गफुट में फैला हुआ है. निर्माण के दौरान इस खास परियोजना के सीईओ महेश गढ़वी ने कहा था कि, नए भवन के बनने के बाद हजारों लोगों को व्यवसाय के लिए ट्रेन से मुंबई जाने की जरूरत नहीं होगी.

निर्माण से पहले ही सभी कार्यालय बिके

कई लोगों को करीब हर दिन मुंबई के लिए जाना पड़ता था.गौरतलब है कि एक डिजाइन प्रतियोगिता के बाद भारतीय आर्किटेक्ट कंपनी मॉर्फोजेनेसिस ने इसका खास डिजाइन तैयार किया था. गढ़वी ने बताया कि ये अमेरिका के पेंटागन को पछाड़ने की प्रतिस्पर्धा का हिस्सा नहीं है, बल्कि मांग के आधार पर इस परियोजना को तैयार किया गया है. खास बात ये है कि इमारत के निर्माण से पहले ही हीरा कंपनियों ने इसके सभी कार्यालय खरीद लिए थे.

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