Hardoi: हरदोई में मंगलवार आधी रात हुए हादसे के बाद, जिला प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठने लगा है। जिला अधिकारी ने खुद जनता से यह प्रश्न उठाया है। बालू से भरे ट्रक के झोपड़ी पर पलट जाने से आठ लोग मारे गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक केशव चंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, एसडीएम मल्लावां गरिमा सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत बचाव की कार्रवाई शुरू की। एक के बाद एक झोपड़ी से निकले आठ शव देखकर जिलाधिकारी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया।
जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद एसडीएम मल्लावां गरिमा सिंह से मृतक लोगों को अब तक आवास क्यों नहीं दिया गया था? एसडीएम ने कुछ भी सोचा लेकिन जवाब नहीं दे पाई। जवाब न मिलने पर जिलाधिकारी को और गुस्सा आया। यदि जिला प्रशासन अपनी कर्तव्यों को समय रहते पूरा करता तो इस दुर्घटना में शायद कोई मौत नहीं होती।
डीएम ने रिपोर्ट मांगी
उन्नाव रोड पर मल्लावां कस्बे में एक ही परिवार के आठ लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक ने मौत के बाद मौके पर पहुंचकर मृतकों के रिश्तेदारों को सांत्वना दी। यह हादसा आज शायद नहीं होता अगर जिला प्रशासन इन लोगों को समय रहते घर देता। फिलहाल, जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह अब इस मामले पर काफी सख्त हो गए हैं। जिला अधिकारी ने मल्लावा घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
तहसीलदार द्वारा उप जिलाधिकारी को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क किनारे 10 परिवार में 59 लोग रहते थे, इनमें से 6 लोग कुछ साल पहले बिलग्राम चले गए, जहां 53 लोग रहते थे; इनमें से आठ लोग बुधवार को हुए हादसे में मर गए, शेष 45 लोग हैं।
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5 भाइयों में से एक को 4 जुग्गी में कालोनी मिली
मृत अवधेश के पांच भाई हैं, सभी शादीशुदा हैं। मृतक पांच भाइयों में चौथा था। उसके सबसे बड़े भाई जसवंत को शासन ने कालोनी दी। बाद में वह मल्लावां से 12 किलोमीटर दूर बलेहरा कमाल नगर गांव में अपने परिवार के साथ रहने लगा। छन्नू दूसरे नंबर पर अपने भाई राजेश, अवधेश और राजमंगल के साथ मल्लावां में एक झुग्गी में रहता था, जो सड़क के किनारे थी।
मृतक के भाई राजेश ने कहा कि अगर उन लोगों को भी पीएम आवास या कालोनी का लाभ मिलता तो वे अपने घर में रह रहे होते, न कि सड़क के किनारे रहने को मजबूर होते। हादसे के बाद वे लोग भयभीत हैं।
भूमि नहीं थी, इसलिए घर नहीं दे पाए
आवासीय योजना का लाभ नहीं मिलने पर मल्लावां के अधिशासी अधिकारी राजेश कुमार राणा ने कहा कि इन लोगों के पास निजी जमीन नहीं है। ऐसे लोगों को नगर पालिका से जमीन मिलने की कोई व्यवस्था नहीं है। इन्हें जमीन नहीं मिलने के कारण शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सकता। अगर जमीन होती तो घर जरूर मिलता। EO ने कहा कि DM ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। विस्तृत रिपोर्ट बनाई जा रही है और प्रदान की जा रही है।