JP Nadda: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक कड़े शब्दों में पत्र लिखते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार किया। 9/19/2024 को जारी किए गए इस पत्र में नड्डा ने कांग्रेस पर बार-बार “विफल उत्पाद” राहुल गांधी को फिर से पेश करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए कांग्रेस की आलोचना की।
कांग्रेस पर राजनीतिक अवसरवाद का आरोप
पत्र के आरंभ में JP Nadda ने खड़गे पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने एक बार फिर राहुल गांधी को “पॉलिश” करके जनता के सामने पेश करने की कोशिश की है, जिसे मतदाताओं ने बार-बार नकारा है। नड्डा ने खड़गे से पूछा कि वे किस मजबूरी के तहत गांधी का समर्थन कर रहे हैं, जिनकी “धृष्ट मानसिकता” के बारे में, उनके अनुसार, पूरा देश जानता है।
“आदरणीय खड़गे जी,” नड्डा ने लिखा, “आपने एक बार फिर से अपने failed product को polish कर बाज़ार में उतारने की कोशिश की है।”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी का नेतृत्व कांग्रेस के लिए एक बोझ बनता जा रहा है और पार्टी उनके “नामदार युवराज” के दबाव में एक “कॉपी और पेस्ट” वाली पार्टी बनकर रह गई है।
BJP National President JP Nadda writes a letter to Congress President Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/VW1qxYCWlK
— IANS (@ians_india) September 19, 2024
सोनिया गांधी की ‘मौत का सौदागर’ टिप्पणी का जिक्र
JP Nadda के पत्र में सोनिया गांधी द्वारा 2007 में मोदी के लिए दिए गए “मौत का सौदागर” (मौत का व्यापारी) वाले बयान का भी जिक्र किया गया। नड्डा ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि ऐसे “अत्यंत असभ्य” शब्दों का प्रयोग किया गया और कांग्रेस ने इस तरह के बयानों का महिमामंडन किया।
“ये राहुल गांधी की माताजी सोनिया गांधी ही थीं, खड़गे जी, जिन्होंने मोदी जी के लिए ‘मौत का सौदागर’ जैसे अत्यंत असभ्य अपशब्दों का प्रयोग किया था?” नड्डा ने लिखा, और कहा कि कांग्रेस ने बार-बार राजनीतिक शुचिता की अनदेखी की है जब उसे राजनीतिक लाभ मिल सकता था।
मोदी पर व्यक्तिगत हमलों का इतिहास
नड्डा ने अपने पत्र में मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों की एक लंबी सूची दी। उन्होंने 30 से अधिक अपमानजनक शब्दों का उल्लेख किया, जिनमें “नीच,” “कमीना,” “हिंदू जिन्ना,” और “मौत का सौदागर” जैसे शब्द शामिल थे, जिन्हें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विभिन्न सदस्यों ने प्रधानमंत्री के लिए इस्तेमाल किया है।
“प्रधानमंत्री मोदी का बार-बार कांग्रेस द्वारा अपमान किया गया है,” नड्डा ने लिखा। “मौत का सौदागर से लेकर चौकीदार चोर है तक, कांग्रेस ने हर मर्यादा का उल्लंघन किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “दुःख की बात है कि एक समृद्ध इतिहास वाली पार्टी अब व्यक्तिगत गाली-गलौज का मंच बन गई है।”
विभाजनकारी राजनीति के आरोप
प्रधानमंत्री मोदी पर की गई व्यक्तिगत टिप्पणियों के अलावा, नड्डा ने कांग्रेस पर जाति और धर्म से जुड़े विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समाज को ध्रुवीकरण करने के लिए जाति आधारित राजनीति का सहारा लेती है और इसे चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल करती है।
“देश में आरक्षण और जाति की राजनीति कर एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ भड़काते हैं,” नड्डा ने कहा और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कई बार चुनावी फायदा उठाने के लिए जाति-आधारित राजनीति का इस्तेमाल किया।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश की एकता को कमजोर करने वाले कदमों का समर्थन किया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली और पाकिस्तान से वार्ता का समर्थन शामिल है।
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पाखंड के आरोप
JP Nadda ने कांग्रेस पर पाखंड का भी आरोप लगाया और कहा कि पार्टी अपने आपातकाल के समय के कृत्यों, ट्रिपल तलाक का समर्थन, और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की घटनाओं को जानबूझकर नजरअंदाज कर देती है।
“यह कांग्रेस ही है जिसने देश पर आपातकाल थोपा, ट्रिपल तलाक का समर्थन किया, और सभी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम किया,” नड्डा ने लिखा, और खड़गे व उनके साथियों पर इन ऐतिहासिक तथ्यों को भूलने का आरोप लगाया।
राजनीतिक प्रभाव
नड्डा का यह पत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच जारी वाकयुद्ध को और तेज कर सकता है, खासकर आगामी राज्यों के चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नड्डा का यह पत्र भाजपा की रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह खुद को उच्च नैतिक आधार पर रखने और अपने समर्थकों को उत्साहित करने की कोशिश कर रही है।
जैसे-जैसे दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पत्र भविष्य की चुनावी रणनीतियों को कैसे प्रभावित करेगा।