NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। इस बीच, अलग-अलग मीडिया संस्थान ने बिहार, झारखंड की राजधानी रांची और उत्तर प्रदेश के मेरठ में नीट पेपर लीक से जुड़ी घटनाओं की जांच की है। इन तीनों स्थानों से पता चला है कि छात्रों को पेपर रटवाने और सवालों के जवाब तैयार करने के लिए कहां-कहां काम हुआ।
नालंदा में नीट कांड के मास्टरमाइंड का ठिकाना
बिहार की राजधानी पटना से करीब 70 किलोमीटर दूर नालंदा में नीट कांड के मास्टरमाइंड का ठिकाना है। नालंदा के नगरसौना गांव में संजीव मुखिया का घर है, जो इस कांड का मास्टरमाइंड है। फिलहाल संजीव मुखिया फरार है। पिछले 20 वर्षों में उसका नाम कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में आ चुका है।
संजीव मुखिया के भाई राजीव कुमार ने बताया कि अब उसका संजीव से संपर्क नहीं है। संजीव की पत्नी पटना में रहती है और उसका बेटा शिव, जो डॉक्टर है, एक अन्य पेपर लीक कांड में जेल में है। गांव में संजीव का कच्चा घर है, जिस पर ताला लटका हुआ है। लोगों ने बताया कि वह गांव में आता है, लेकिन जल्दी ही चला जाता है।
संजीव करीब 20 साल से इस धंधे में है। पहले वह सॉल्वर गैंग का सदस्य रह चुका है। पुलिस ने उसे पहले भी गिरफ्तार किया है, लेकिन फिलहाल वह नीट पेपर लीक कांड (NEET Paper Leak) का मुख्य चेहरा है।
संजीव मुखिया का बेटा भी जेल में बंद
संजीव मुखिया के नीचे अमित आनंद और नीतीश काम कर रहे थे। अमित आनंद पहले से पेपर लीक (NEET Paper Leak) के धंधे में शामिल है और नीतीश उसका दोस्त है। इनके नीचे सिकंदर था, जिसने अनुराग और आयुष जैसे कई अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था।
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अनुराग और आयुष तक पेपर के जवाब कैसे पहुंचे, इसे समझने के लिए चिंटू और पिंटू की भूमिका को जानना जरूरी है। चिंटू के मोबाइल पर पेपर के जवाब आए और उसने ये पिंटू को दिए। पिंटू ने इन जवाबों को प्रिंट किया।
पेपर रटने का पहला और दूसरा ठिकाना
पहला ठिकाना पटना का लर्न एंड प्ले स्कूल था, जहां चिंटू-पिंटू के जरिए भेजे गए जवाब छात्रों ने रट लिए। दूसरे दिन वे परीक्षा देने गए। इस कांड में 22 वर्षीय अनुराग यादव का नाम खास है, क्योंकि उसके नाम पर बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है।
4 मई को अनुराग अपनी मां के साथ पटना के एक सरकारी गेस्ट हाउस में पहुंचा था। इस गेस्ट हाउस ने नीट घोटाले के कई राज खोले। अनुराग की एंट्री के आगे “मंत्री जी” लिखा था, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि वह मंत्री जी कौन है।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम ने गेस्ट हाउस के केयरटेकर प्रदीप को फोन किया था और अनुराग के ठहरने का इंतजाम किया था। सूत्रों के अनुसार, प्रीतम कुमार से नीट घोटाले की जांच कर रही पटना ईओयू की टीम पूछताछ करने वाली है।
अनुराग ने अपना अपराध कबूला
तेजस्वी यादव को पूछताछ से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे सिकंदर का बचाव कर रहे हैं। अनुराग ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। अनुराग ने बताया कि उसके फूफा सिकंदर ने उसे फोन किया था, और वह कोटा से पटना आ गया था। अमित आनंद और नीतीश ने उसे प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका दी थी, जिससे उसने रटा और वही प्रश्न पत्र परीक्षा में आया। परीक्षा के बाद उसे पुलिस ने पकड़ लिया।
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पेपर रटने का तीसरा ठिकाना
नीट पेपर लीक का तीसरा ठिकाना पटना का एक फ्लैट है, जहां इस कांड की साजिश रची गई थी। यह फ्लैट अमित आनंद का है, जहां से पुलिस ने जले हुए प्रश्न पत्र और अन्य दस्तावेज बरामद किए।
अमित आनंद और नीतीश ने कबूल किया है कि उनकी मुलाकात सिकंदर से दानापुर के नगर परिषद दफ्तर में हुई थी। सिकंदर इसी नगर परिषद में जेई था। बातों-बातों में नीट परीक्षा में पास कराने की डील हुई थी।
गौतमबुद्धनगर का रहने वाला है रवि अत्री
इस पूरे कांड में एक और नाम सामने आया है, रवि अत्री, जो यूपी के गौतमबुद्धनगर के जेवर थाना का रहने वाला है और मेरठ जेल में बंद है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रवि अत्री के गैंग ने ही पटना और नालंदा के बॉर्डर से नीट परीक्षा का पेपर लीक कराया था। संजीव मुखिया रवि अत्री का ही गुर्गा है। रवि अत्री पहले भी मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के पेपर लीक करा चुका है, और संजीव मुखिया का नाम सामने आने के बाद रवि अत्री पर शक बढ़ गया है।