नॉर्वे अरब की शांति योजना को मान्यता देता है: PM Jones गार स्टोर
दरअसल, दो देशों के समाधान का अर्थ है कि फलस्तीन और इजरायल दोनों को देश का दर्जा मिलेगा। भारत ने भी टू-स्टेट समाधान की वकालत की है। PM Jones Garstore ने कहा कि मध्य पूर्व में शांति नहीं हो सकती जबतक फलस्तीन को देश की मान्यता नहीं दी जाती।
आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फ़िलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का फ़ैसला किया। 28 मई से फ़िलिस्तीन राष्ट्र को मान्यता pic.twitter.com/jkXkWOGmUu
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 22, 2024
गहर स्टोरे ने कहा कि 28 मई तक स्कैंडिनेविया आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा। “फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देकर, नॉर्वे अरब शांति योजना का समर्थन करता है,” उन्होंने कहा।”
यूरोपीय संघ का सदस्य नॉर्वे नहीं है
पिछले हफ्तों में, कई यूरोपीय संघीय देशों ने फलस्तीन को मान्यता देने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि क्षेत्र में शांति कायम करने के लिए दो-राज्यीय समझौता आवश्यक है। नॉर्वे यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है।
28 मई को हमारी कैबिनेट मीटिंग होगी: स्पेन के प्रधानमंत्री
आयरलैंड के प्रधानमंत्री सिमॉन हैरिस ने भी नॉर्वे की घोषणा के बाद फलस्तीन को देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। हैरिस ने संवाददाताओं को बताया कि आज आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने फलस्तीन को मान्यता देने का निर्णय लिया है। स्पेन के पीएम पेड्रो सैंशेज ने कहा कि 28 मई को इस मामले पर हमारी कैबिनेट की बैठक होगी।
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इजरायल में आग
इजरायल इन तीनों देशों के फैसले से परेशान है। आयरलैंड और नॉर्वे से अपने राजदूतों को तुरंत वापस लौटने का आदेश इजरायल ने दिया है। Исराईल ने कहा कि इस फैसले से मध्य पूर्व में अशांति और अतिवाद बढ़ेंगे।