चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आम आदमी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। मामले में फैसला सुनाते हुए CJI ने विभाग को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि CCTV वीडियो में साफ साफ दिख रहा है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया है। क्या ऐसे ही चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर केस होना चाहिए।
वीडियो में बैलेट पेपर पर क्रॉस लगाते दिखे अफसर
सुनवाई के दौरान CJI ने दलीले सुनने के बाद चुनाव परिणाम जारी करने के लिए, वोटों की गिनती कर रहे अफसर का CCTV वीडियो देखा। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में विभाग के वकील से पूछा की क्या ऐसे ही चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। अफसर पर केस होना चाहिए। गौरतलब है कि CCTV वीडियो में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलेट पेपर पर क्रॉस लगाते दिख रहे हैं।
नगर निगम की बैठकों पर रोक
अपने फैसले में CJI ने कहा सबूत के तौर पर पेश वीडियो में वीडियो से साफ पता चल रहा है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया है। इसलिए कोर्ट आदेश देता है कि मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त करके पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। इसके साथ साथ बैलेट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। कोर्ट ने आगामी नतीजे तक के लिए नगर निगम की बैठकों पर रोक लगा दी है। CJI ने अपने फैसले में कहा कि धांधली को लेकर चुनाव अधिकारी को बताना होगा कि वह भगोड़े की तरह कैमरे की ओर देखते हुए, बैलेट से छेड़छाड़ क्यों कर रहा है। अगर अपने जवाब से वो कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाए तो आयोग को दोबारा चुनाव कराने होंगे।
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मेयर चुनाव में 8 इनवैलिड वोटों ने पलटा परिणाम
ज्ञात हो की 30 जनवरी को हुई चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव में आप -कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 20 वोट मिले थे। लेकिन उनके 8 वोट रद्द कर दिए गए। जबकि भाजपा समर्थित मनोज सोनकर को 16 वोट मिले। लेकिन आप -कांग्रेस के 8 वोट निरस्त कर दिए गए। इसके बाद भाजपा के मनोज सोनकर को विजय घोषित कर दिया गया। मामले को लेकर कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलीलें रखीं।