नई दिल्ली। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा सार्वजनिक किए गए सूचना के अनुसार इस बार अमरनाथजी की यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगी। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने कहा कि यात्रा की इच्छा रखने वाले लोगों अग्रिम पंजीकरण 15 अप्रैल से करवा सकते हैं। ज्ञात हो कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस की माउंटेन रेस्क्यू टीमों (MRT) का हिस्सा बनने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ताकि यात्रा के दौरान भक्तों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित किया जा सके।
सांबा में चल रहा है प्रशिक्षण अभियान
जम्मू-कश्मीर पुलिस की माउंटेन रेस्क्यू टीम (MRT) द्वारा पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को पवित्र गुफा मंदिर के जुड़वां मार्गों पर लगभग एक दर्जन चिन्हित महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा हैं। अमरनाथ यात्रा के बारे में बोलते हुए, जम्मू-कश्मीर एमआरटी टीम प्रभारी राम सिंह सलाथिया ने बताया कि श्री अमरनाथ जी यात्रा जम्मू-कश्मीर में जून में शुरू होगी और लगभग दो महीने तक चलेगी। इस के लिए देश भर से लाखों श्रद्धालु आएंगे। यात्रा के दौरान बाबा बर्फानी की पूजा करने आने वाले तीर्थयात्रियों को कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े और स्थिति से निपटने के लिए माउंटेन रेस्क्यू टीम (MRT) यात्रियों की सहायता के लिए जिला सांबा में प्रशिक्षण ले रही है।
नई तकनीक और उपकरणों का परीक्षण ले रहे जवान
अधिकारी ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में बलों को गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि ये जवान किसी भी आपदा पर आसानी से काबू पा सकें और तीर्थ यात्रा के दौरान मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर सकें। जम्मू-कश्मीर पुलिस की माउंटेन रेस्क्यू टीम प्रभारी राम सिंह सलाथिया और उनके प्रशिक्षकों की टीम के साथ वर्तमान में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान और लुधियाना पंजाब से एनडीआरएफ के जवान भी हैं। उन्होंने कहा इन सभी सैनिकों को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। वे किसी भी आपात स्थिति में भक्तों की मदद के लिए तैयार हैं और लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं और नई तकनीक और उपकरणों का परीक्षण कर रहे हैं।
हर साल हजारों लोगों की मदद करती है MRT
हर साल की तरह इन सैनिकों को 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर में पवित्र गुफा के दोनों मार्गों पर पहले चिह्नित स्थानों पर तैनात किया जाएगा। ये सभी सुनिश्चित करेंगे की श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकें।यात्रियों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए MRT की टीम उन्हें पूरी सुविधाएं प्रदान करेगी। सलाथिया ने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि टीम ने हर साल हजारों लोगों की मदद करके एक मिसाल कायम की है।
भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से MRT ले रहा प्रशिक्षण
जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन जवानों को किसी भी आपदा से निपटने के गुर सिखाए जा रहे हैं। इन प्रशिक्षण व्यवस्था में भूस्खलन, बाढ़, आग और सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में बचाव अभियान सहित आपदा प्रबंधन के लिए अन्य आवश्यक कौशल की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। जिसे पूरा किया जा रहा हैं। कर्मियों को रस्सी पुल निर्माण, खतरनाक स्थानों से घायल व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने और अन्य जीवन रक्षक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाता है। इसके अलावा जवानों को मेडिकल ट्रेनिंग भी दी गई है ताकि वे यात्रियों को प्राथमिक उपचार दे सकें। अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस के 1,300 जवानों को पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जा चुका है।