UGC-NET Paper: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया है, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि गृह मंत्रालय से परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना मिलने के बाद यह कदम उठाया गया। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने खुलासा किया है कि यूजीसी-नेट का पेपर लीक हुआ था और इसे डार्कनेट पर अपलोड किया गया था।
CBI को सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी
सरकार ने पेपर रद्द करने के बाद इसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी। सीबीआई पता लगा रही है कि यूजीसी-नेट (UGC-NET) का पेपर कहां से लीक हुआ। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रश्नपत्र सोमवार (17 जून) को लीक हुआ और उसे एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाला गया था। आरोपियों ने पकड़े जाने से बचने के लिए लीक प्रश्नपत्र को डार्कनेट पर अपलोड किया था। सीबीआई एनटीए और अन्य एजेंसियों के संपर्क में है।
UGC-NET परीक्षा में 9 लाख छात्र हुए शामिल
शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार (19 जून) को NTA द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट (UGC-NET Paper) परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया। मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। मंत्रालय को परीक्षा की शुचिता से समझौता होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद इसे तुरंत रद्द कर दिया गया। गौरतलब है कि एक दिन पहले, मंगलवार (18 जून) को छात्रों ने परीक्षा दी थी। पेन और पेपर मोड में आयोजित इस परीक्षा में 9 लाख छात्र शामिल हुए थे।
फिर से होगी UGC-NET की परीक्षा
शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार (20 जून) को कहा कि यूजीसी-नेट परीक्षा का फिर से आयोजन किया जाएगा और तारीखों समेत अन्य आवश्यक विवरण अलग से घोषित किए जाएंगे। यूजीसी-नेट परीक्षा भारतीयों को जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और देश की यूनिवर्सिटी एवं कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए योग्यता निर्धारित करने के लिए होती है। हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई- धर्मेंद्र प्रधान
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी यूजीसी-नेट (UGC-NET Paper) रद्द होने के बाद सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि नीट पेपर लीक और यूजीसी-नेट मामले में एनटीए के अधिकारियों समेत दोषी पाए जाने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकार एनटीए के कामकाज की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगी और परीक्षाओं को बिना किसी गड़बड़ी के आयोजित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यूजीसी-नेट को रद्द करने का फैसला अचानक नहीं लिया गया था। उन्हें प्रमाण मिले थे कि प्रश्नपत्र डार्कनेट पर लीक हुआ था और टेलीग्राम पर भी शेयर किया जा रहा था। इसके बाद ही परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया।