UP Madrasa: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मदरसा एक्ट को संवैधानिक माना है। तीन न्यायधीशों की पीठ ने स्पष्ट किया कि मदरसा एक्ट पूरी तरह से संविधान के अनुरूप है इसलिए इसे खारिज नहीं किया जा सकता। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि मदरसों में उचित सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए और शिक्षा की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाना चाहिए।
कोर्ट ने यह माना कि जिस उद्देश्य और नियमों के तहत यह एक्ट लागू किया गया था उसमें कोई खामी नहीं है, इसलिए इसे असंवैधानिक ठहराना गलत होगा। इस फैसले के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें यूपी मदरसा (UP Madrasa) एक्ट को असंवैधानिक घोषित किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को असंवैधानिक घोषित करने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दाखिल अपीलों पर अपना निर्णय सुनाएगा। 22 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह निर्णय उत्तर प्रदेश के मदरसा शिक्षा व्यवस्था पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है, क्योंकि इससे राज्य के मदरसों को मिलने वाली मान्यता और सरकारी सहायता पर प्रभाव पड़ेगा।
यह भी पढ़े: यूपी DGP की नियुक्ति में बदलाव, अब राज्य सरकार करेगी चयन, जानें पूरी प्रक्रिया