नई दिल्ली। UEA दौरे पर प्रधानमंत्री ने बुधवार को World Governments Summit में हिस्सा लिया। इस दौरान समिट में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि दुबई जिस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य, और प्रौधोगिकी का केंद्र बन रहा है, उसके लिए मैं राष्ट्रपति जायद अल नाहयान को बधाई देता है
सबका साथ सबका विकास
समिट में प्रधानमंत्री ने कहा की विश्व आज 21वीं सदी में हैं। जहां एक तरफ हम आधुनिकता की ओर बढ़ हैं वहीं दूसरे तरफ हमारे लिए पिछली चुनौतियां भी उतनी ही व्यापक हो रही हैं। बदलते दौर में हमारे लिए आज खाने की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, पानी की सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, आदि ज्यादा जरूरी और महत्वपूर्ण हो गई है। सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है जिससे उसके सामने ये सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। ऐसे में मेरा मनाना है, कि विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चले सबके विकास को लेकर सोचे।
मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस
सरकारी व्यवस्था को लेकर World Governments Summit में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि एक आम नागरिक के जीवन में ना तो सरकार का अभाव होना चाहिए और ना ही उसका दवाब होना चाहिए। जिसके लिए मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का सिद्धांत जरूरी है। जिसे भारत में उन्होंने लागू करने पर जोड़ दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा की नागरिकों में उधम और ऊर्जा की भावना विकसित हो।
विश्व को “मिशन लाइफ ” को समझना होगा
पर्यावरण को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज सौर, हवा, जल, बायोफ्यूल्स, और ग्रीन हाइड्रोजन पर काम कर रहा है। भारत की संस्कृति हमें सिखाता है कि प्रकृति से जितना हासिल किया जाय उसे उतना लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। इसलिए भारत ने World Governments Summit के जरिए विश्व को एक नया मार्ग “मिशन लाइफ ” सुझाया है, जिसके जरिए हम आसानी से पर्यावरण की मदद कर सकते हैं।