Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट होगा. आपको बता दे की केंद्रीय बजट का भाषण 1 फरवरी को सुबह ग्यारा बजे शुरू होगा. बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होने जा रहा है. निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगी. इस आम बजट से लोगों को रोज़गार से लेकर बच्चों की पढ़ाई और होम लोन से स्वास्थ्य बीमा तक के नियमों में बदलाव होने की उम्मीद है.
इस बार के बजट से ये हो सकती है उम्मीदें
बजट 2023 में सरकार नए क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना की घोषणा कर सकती है. साथ ही एक जिला एक प्रोडक्ट योजना को लेकर नई घोषणाएं की जा सकती हैं. इसका उद्देश्य भारत में एक्सपोर्ट हब बनाना और उससे नई नौकरियां पैदा करना होगा. मोदी सरकार बजट में भूमि अधिग्रहण से जुड़ी बाधाओं को भी दूर कर सकती है. इसके अलावा सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार और न्यायिक सुधारों को लेकर भी ऐलान कर सकती है.
रोजगार और स्वास्थ्य सुधार को लेकर हो सकते ऐलान
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने साल 2025 तक स्वास्थ्य पर जीडीपी का 2.5 फीसदी खर्च करने का लक्ष्य भी रखा है. सरकार के इस बजट 2023 में लोगों को कितनी राहत मिल सकती है, यह बजट पेश होने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन लोगों को मोदी सरकार से काफी उम्मीदें हैं. बजट का सबसे ज्यादा असर टैक्स पेयर्स पर पड़ता है. करदाताओं का एक बड़ा हिस्सा वेतनभोगी करदाता हैं. बजट में सरकार से राहत की उम्मीद की जा रही है. इस वित्तीय वर्ष में महंगाई, छटनी, बेरोजगारी आदि के कारण उनकी जेब पर भारी असर पड़ा है.
लोगों को बजट में सरकार से राहत की उम्मीद
मौजूदा समय में टैक्स फ्री इनकम की लिमिट 2.5 लाख रुपये सालाना है. इससे ऊपर की आय पर टैक्स देना होता है. यह सीमा वित्तीय वर्ष 2014-15 में निर्धारित की गई थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. बढ़ती महंगाई को देखते हुए इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इससे करदाताओं की क्रय शक्ति बढ़ेगी. हर साल की तरह इस साल भी लोगों को राहत की उम्मीद रहेगी. लेकिन साल 2023-24 का बजट अहम हो सकता है क्योंकि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट होगा.
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