देश के इस कोने में अनिल अंबानी की रिलायंस पावर बनाएगी सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट, भारत को मिलेगी सस्ती और साफ ऊर्जा!

अनिल अंबानी की रिलायंस पावर, भूटान की ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स कंपनी के साथ मिलकर देश का सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने जा रही है। इस परियोजना से भारत और भूटान दोनों को लाभ मिलेगा।

Anil Ambani

Anil Ambani : देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर ने भूटान की कंपनी ग्रीन डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक अहम करार किया है। इस समझौते के तहत भूटान में अब तक का सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा। परियोजना की कुल क्षमता 500 मेगावाट होगी और इसके निर्माण में करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

यह मेगा सोलर प्रोजेक्ट रिलायंस पावर और भूटान सरकार की इन्वेस्टमेंट फर्म ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स (DHI) के बीच 50-50 की भागीदारी में तैयार किया जाएगा। दोनों कंपनियां मिलकर इस परियोजना का निर्माण और संचालन करेंगी। ग्रीन डिजिटल, DHI की ही एक सहायक कंपनी है, जिसके साथ रिलायंस पावर ने लॉन्ग टर्म पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर भी दस्तखत किए हैं। इस समझौते के तहत उत्पादित बिजली ग्रीन डिजिटल को बेची जाएगी।

भूटान को मिलेगा क्लीन एनर्जी का तोहफा

यह सोलर प्रोजेक्ट भूटान के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) माना जा रहा है। इसके माध्यम से भूटान को साफ और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा तो मिलेगी ही, साथ ही वह surplus बिजली को भारत समेत आसपास के देशों को भी भेज सकेगा।

भारत-भूटान संबंध को मिलेगी मजबूती

रिलायंस पावर ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भारत और भूटान के आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह क्लीन एनर्जी क्षेत्र में तेजी से विस्तार कर रही है। वर्तमान में रिलायंस पावर के पास सोलर और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) में कुल 2.5 गीगावाट की क्षमता मौजूद है। इस नए प्रोजेक्ट के लिए कंपनी बैंकों और अन्य फाइनेंशियल संस्थाओं के साथ फंडिंग पर बातचीत कर रही है ताकि समय पर पूंजी जुटाई जा सके।

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यह सोलर प्रोजेक्ट उस साझेदारी का हिस्सा है जो अक्टूबर 2024 में रिलायंस एंटरप्राइजेज (रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की संयुक्त पहल) और DHI के बीच हुई थी। इस समझौते के तहत सोलर के साथ-साथ 770 मेगावाट का चामखार्चू-1 हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट भी विकसित किया जाएगा।

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