Investing Tips: करना चाहते हैं अपने पैसें का सही निवेश तो जानिए क्या है SIP और Step SIP में फ़र्क़

SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) म्यूचुअल फंड्स में निवेश का एक अच्छा तरीका है। स्टेप अप SIP आपको साल दर साल अपनी निवेश राशि बढ़ाने की सुविधा देता है। साथ ही इसमें कर लाभ भी मिलता है।

Investing Tips: हम सब जानते हैं कि पैसे बचाना ज़रूरी है, लेकिन सिर्फ बचत से हमारी वित्तीय स्थिति बेहतर नहीं हो सकती। इसके लिए हमें निवेश की तरफ भी ध्यान देना होता है, और म्यूचुअल फंड्स निवेश एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। हालांकि, बहुत से लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करने से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें जोखिम हो सकता है, लेकिन अगर आप सही तरीके से निवेश करें, तो यह आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

SIP क्या है

अब बात करते हैं SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के बारे में। ये निवेश का एक तरीका है, जिसमें आप म्यूचुअल फंड में एक निश्चित रकम समय समय पर (महीने, तिमाही, या सालाना) निवेश करते हैं। इसका फायदा ये होता है कि आपको हर बार बड़ी रकम निवेश नहीं करनी होती। आप हर महीने कम से कम 100 या 500 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं। और सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि इसमें आपकी राशि धीरे से बढ़ सकती है। जैसे, आप 1 से 5 साल की अवधि चुन सकते हैं, और इस दौरान आपके निवेश का रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।

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STEP UP SIP क्या है

स्टेप अप एसआईपी एक ऐसा तरीका है, जिसमें आप हर साल अपनी निवेश राशि बढ़ा सकते हैं। मान लीजिए, आपने शुरुआत में 5000 रुपये हर महीने निवेश करने की योजना बनाई थी, तो स्टेप अप एसआईपी आपको यह विकल्प देता है कि आप अगले साल उस राशि को 10%, 20%, या 30% तक बढ़ा सकें। इसका फायदा यह होता है कि जैसे आपकी आय बढ़ती है, वैसे आपका निवेश भी बढ़ता जाता है, और आपके पास भविष्य में एक अच्छा फंड जमा होता है।

कैसे करें निवेश

अब, अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि सही फंड का चुनाव करना बहुत ज़रूरी है। पिछला प्रदर्शन एक संकेत हो सकता है, लेकिन यह गारंटी नहीं देता कि भविष्य में भी वही प्रदर्शन होगा। एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह रुपया लागत औसत का लाभ देता है, यानी बाजार के उतार चढ़ाव के बावजूद आपके निवेश पर असर नहीं पड़ता। अगर आप लंबे समय तक निवेश करते हैं, तो जोखिम भी कम हो जाता है। तो, दो से तीन साल का समय लेकर निवेश पर विचार करें।

 

 

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