GST 2.o : त्योहारी सीजन से पहले खुशखबरी! पनीर, दूध, दही, बटर और घी के दाम में भारी गिरावट

नवरात्रि के अवसर पर आज से जीएसटी दरों में ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है।

GST 2.o

GST 2.o : नवरात्रि के शुभ अवसर पर आज से सरकार ने GST व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लागू कर दिए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित ‘GST 2.0’ के तहत अब तक चली आ रही जटिल कर दरें — जैसे 5%, 12%, 18% और 28% — को खत्म कर दो प्रमुख स्लैब रखे गए हैं: 5% और 18%।

साथ ही, तंबाकू और शराब जैसे ‘सिन गुड्स’ पर 40% की नई कर दर लागू कर दी गई है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा को पूरी तरह GST से मुक्त कर दिया गया है। सरकार का दावा है कि यह कदम आम जनता, किसानों और छोटे कारोबारियों को महंगाई से राहत देगा और 375 से अधिक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

आम लोगों को सीधी राहत

GST काउंसिल की 56वीं बैठक में रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं जैसे ब्रेड, रोटी, खाखरा और पिज्जा बेस को 0% टैक्स स्लैब में डाला गया है। दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों से भी टैक्स हटा लिया गया है, जिससे 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसान लाभान्वित होंगे।

किसानों के लिए राहत

बीज, उर्वरक और कृषि यंत्रों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे टीवी, एसी और वाशिंग मशीन पर टैक्स दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है। वहीं छोटी कारें (1200 CC तक), 350 CC तक की बाइकें और ऑटो पार्ट्स पर भी यही नई दर लागू हुई है, जिससे 10-15% तक कीमतों में गिरावट संभव है।

अब 33 जरूरी दवाइयां, जिनमें कैंसर रोधी दवाएं भी शामिल हैं, टैक्स-फ्री हो गई हैं। ग्लूकोमीटर जैसे मेडिकल उपकरण पर भी टैक्स नहीं लगेगा। स्वास्थ्य और जीवन बीमा (5 लाख तक की पॉलिसी) पर 18% टैक्स पूरी तरह हटा लिया गया है, जिससे मिडिल क्लास की जेब पर बोझ कम होगा और सरकारी योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत को मजबूती मिलेगी।

घर बनाना हुआ सस्ता, सेवाएं भी सुलभ

सीमेंट पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे घर बनाना पहले की तुलना में सस्ता पड़ेगा और रियल एस्टेट सेक्टर को गति मिलेगी। सेवाओं में भी बदलाव हुआ है— अब सैलून, स्पा, योगा और जिम जैसी सेवाओं पर सिर्फ 5% GST लगेगा। यानी अब अगर आपका सैलून बिल ₹2000 का है, तो टैक्स के रूप में आपको ₹360 के बजाय केवल ₹100 देने होंगे। कपड़े और जूते (₹2500 तक) पर अब 5% GST लागू है, जिससे आम ग्राहक को राहत मिलेगी। FMCG कंपनियों जैसे अमूल ने पहले ही अपने 700 से अधिक उत्पादों (घी, बटर, आइसक्रीम आदि) की कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी है।

‘सिन टैक्स’ के कारण महंगी हुई लत की चीजें

जहां आम उपभोक्ता को राहत मिली है, वहीं तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, पान मसाला और सिगरेट जैसे उत्पादों पर अब 40% टैक्स लगेगा। पहले इन पर कंपनसेशन सेस लगता था, जिसे अब हटाकर एकमुश्त उच्च स्लैब लगाया गया है।

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सरकार इसे ‘स्वास्थ्य के लिए जरूरी कदम’ बता रही है, लेकिन आलोचकों का मानना है कि इससे गरीब और मजदूर वर्ग पर अतिरिक्त भार पड़ेगा, क्योंकि 10 करोड़ से अधिक उपभोक्ता इसी वर्ग से आते हैं। इसके चलते इन उत्पादों की कीमतों में 20-30% तक वृद्धि हो सकती है, जिससे कालाबाजारी और अवैध व्यापार को भी बढ़ावा मिलने की आशंका है।

बड़े वाहनों और ऑनलाइन सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ

लग्जरी कारों (1500 CC से ऊपर) और बड़ी SUV गाड़ियों पर भी अब 40% टैक्स लागू हो गया है। इससे अमीर उपभोक्ता प्रभावित होंगे और ऑटो सेक्टर का हाई-एंड सेगमेंट धीमा पड़ सकता है। फूड डिलीवरी ऐप्स (जैसे स्विगी, जोमैटो) पर अब डिलीवरी चार्ज पर भी 18% GST लगेगा, जिससे हर ऑर्डर में ₹2-3 की बढ़ोतरी हो सकती है।

हालांकि पुराना स्टॉक नई दरों से कवर नहीं हो रहा, जिससे छोटे दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। तंबाकू उत्पादों की खेती करने वाले किसान (खासकर गुजरात, आंध्र प्रदेश) अब असमंजस में हैं, क्योंकि उनके लिए कोई राहत की घोषणा नहीं हुई है। छोटे उद्योग इस बदलाव से लाभान्वित होंगे, लेकिन डिजिटल प्रक्रिया में देरी से MSME क्षेत्र को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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