Importance of CIBIL score : आजकल लोन लेना आम बात हो गई है। घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो या शिक्षा के लिए फंड चाहिए, लोन हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। लेकिन लोन लेने से पहले और उसे चुकाने के दौरान सिबिल स्कोर का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सिबिल स्कोर आपकी आर्थिक लेन देन की रिपोर्ट है, जिसे बैंक और फाइनेंशियल संस्थाएं चेक करती हैं। अच्छा स्कोर होना जरूरी है, क्योंकि यही तय करता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं।
बार बार लोन चेक करने से बचें
अगर आप बार बार लोन के लिए अप्लाई करते हैं या उसकी जानकारी चेक करते हैं, तो इससे सिबिल स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ता है। हर बार बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को जांचता है, और बार बार की गई जांच से स्कोर कम हो सकता है। इसलिए जब तक जरूरी न हो, लोन के लिए अप्लाई न करें।
लोन की राशि और समय का असर
छोटा लोन लेना बैंक के लिए कम रिस्क वाला होता है, लेकिन बड़े लोन के लिए बैंक रिस्क का आकलन करता है। अगर आप लंबे समय तक लोन चुकाते हैं, तो इसका थोड़ा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ सकता है। हालांकि, समय पर किस्त चुकाने से यह नुकसान कम हो सकता है।
एक साथ कई लोन लेना
अगर आपके नाम पर कई लोन चल रहे हैं, तो इसका निगेटिव प्रभाव आपके सिबिल स्कोर पर पड़ सकता है। भले ही आप समय पर लोन चुका रहे हों, लेकिन ज्यादा लोन लेना आपके क्रेडिट स्कोर को कम कर सकता है। कोशिश करें कि सिर्फ जरूरत के हिसाब से ही लोन लें।
गलत संस्थाओं से लोन लेना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तहत आने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ही लोन लें। अनरजिस्टर्ड कंपनियां आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर किस्तें थोड़ी भी देर से चुकाई जाएं, तो वे तुरंत आपकी रिपोर्ट भेज देती हैं, जिससे आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है।
समय से पहले लोन चुकाने का असर
अगर आप समय से पहले लोन चुकाते हैं, तो यह सिबिल स्कोर को सुधार सकता है। समय से पहले लोन चुकाने से ब्याज भी कम देना पड़ता है और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर पॉजिटिव असर पड़ता है। यह दर्शाता है कि आप अपने फाइनेंशियल ड्यूज को गंभीरता से लेते है