Rapido Fine News:राइड-हेलिंग सेवा देने वाली कंपनी रैपिडो पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। आरोप है कि रैपिडो ने अपने विज्ञापनों में ऐसे वादे किए जो असल में पूरे नहीं किए गए।
गलत दावे और विज्ञापन
अथॉरिटी ने जांच में पाया कि रैपिडो ने अपने विज्ञापनों में यह दावा किया था कि ग्राहकों को “गारंटीड ऑटो” या फिर “5 मिनट में ऑटो नहीं तो 50 रुपये” मिलेंगे। लेकिन जब ग्राहक इस योजना का फायदा लेने गए, तो उन्हें नकद पैसे वापस करने के बजाय “रैपिडो कॉइन” दिए गए।
रैपिडो कॉइन की सच्चाई
ये कॉइन असली कैश की तरह काम नहीं करते थे। इनका इस्तेमाल सिर्फ बाइक राइड में किया जा सकता था। इनकी वैधता केवल 7 दिन की थी और इन पर कई तरह की पाबंदियां भी लगी हुई थीं। इसका मतलब यह हुआ कि ग्राहक असल पैसे पाने के बजाय मजबूरी में दोबारा रैपिडो की सेवा लेने पर मजबूर थे।
लंबे समय तक चला भ्रामक प्रचार
डेटा से पता चला है कि ये विज्ञापन करीब 548 दिनों तक यानी लगभग डेढ़ साल चलते रहे। ये विज्ञापन 120 से ज्यादा शहरों और कई भाषाओं में चलाए गए। इतने लंबे समय तक लगातार इस प्रचार ने बड़ी संख्या में ग्राहकों को प्रभावित किया।
1200 से ज्यादा शिकायतें
जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच रैपिडो के खिलाफ 1200 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें से करीब आधी शिकायतें अब तक हल नहीं हो सकी हैं। इन शिकायतों में ज्यादा पैसा वसूलने, रिफंड में देरी, ड्राइवर के व्यवहार और कैशबैक वादे पूरे न करने जैसी बातें शामिल थीं।
CCPA का सख्त आदेश
CCPA ने रैपिडो को साफ निर्देश दिए हैं कि वह तुरंत ऐसे सभी भ्रामक विज्ञापनों को बंद करे। इसके अलावा, जिन ग्राहकों से गलत तरीके से पैसे वसूले गए हैं, उन्हें पूरे 50 रुपये नकद लौटाए जाएं। कंपनी को आदेश मानने और पूरी रिपोर्ट जमा करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
डिजिटल विज्ञापनों पर बढ़ती निगरानी
यह मामला साफ दिखाता है कि भारत में अब डिजिटल सेवाओं और विज्ञापनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। कंपनियों को यह समझना होगा कि झूठे या अधूरे वादों से ग्राहकों को धोखा देने पर अब तुरंत कार्रवाई होगी।