RBI Penalty : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नियामकीय नियमों के उल्लंघन को लेकर कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि इन बैंकों पर रेगुलेटरी गाइडलाइन्स का ठीक से पालन न करने के कारण जुर्माना लगाया गया है।
बैंकों पर लगा जुर्माना
आरबीआई के मुताबिक, कोटक महिंद्रा बैंक पर 61.4 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है। यह दंड लोन वितरण से जुड़ी प्रक्रियाओं, ऋण प्रणाली और कुछ नियामकीय शर्तों के उल्लंघन के कारण लगाया गया है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को 38.6 लाख रुपये का जुर्माना केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए देना होगा।
वहीं, पंजाब नेशनल बैंक पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना ग्राहकों को सेवा प्रदान करने संबंधी आरबीआई के निर्देशों की अवहेलना करने पर लगाया गया है। आरबीआई ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केवल नियामकीय खामियों को लेकर है और इसका उद्देश्य बैंकों और उनके ग्राहकों के बीच हुए लेन-देन या समझौतों की वैधता पर कोई टिप्पणी करना नहीं है।
विदेशी शाखाओं से जुड़े खाते खोलने पर सख्ती
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी बैंक भारत में अपनी विदेशी शाखाओं या प्रतिनिधियों के नाम पर रुपए में (ब्याज रहित) खाते खोल या बंद करने से पहले केंद्रीय बैंक को इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। हालांकि, पाकिस्तान के बाहर स्थित पाकिस्तानी बैंकों की शाखाओं के नाम पर खाता खोलने के लिए विशेष मंजूरी आवश्यक होगी। आरबीआई के अनुसार, प्रवासी बैंकों के खातों में जमा करना प्रवासियों के लिए भुगतान का एक स्वीकृत तरीका माना जाता है, लेकिन ये विदेशी मुद्रा हस्तांतरण से जुड़े नियमों के अधीन होता है।
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इन खातों से निकासी को विदेशी मुद्रा प्रेषण के रूप में देखा जाएगा। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि भारत में अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विदेशी शाखाएं बाजार दर पर स्वतंत्र रूप से विदेशी मुद्रा खरीद सकती हैं, लेकिन खातों में हो रहे लेन-देन की कड़ी निगरानी जरूरी है। ऐसा न हो कि विदेशी बैंक भारतीय रुपये पर सट्टा लगाने का प्रयास करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना आरबीआई को देना आवश्यक है।