नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी इसरो ने की बहुचर्चित मिशन चंद्रयान-3 अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी है. इस मिशन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराना है. भारत का पिछला मिशन चंद्रयान-2 इसी मोड़ पर आकर असफल हुआ था. ऐसे में ये इस मिशन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है. अब अपने फाइनल मिशन के ठीक 48 घंटे पहले चंद्रयान-3 ने चांद की कुछ तस्वीरें खींची है. इन तस्वीरों को इसरो ने जारी किया है.
चांद के दक्षिणी ध्रुव की भेजी तस्वीरें
23 अगस्त के दिन चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है. इसमें अब सिर्फ 48 घंटे का समय ही बचा है. अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर की है. इन तस्वीरों को चंद्रयान-3 ने लैंडर हैजर्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा का इस्तेमाल करके खींचा है. ये चांद की दक्षिणी ध्रुव की हैं. यहीं पर यान के लैंडर विक्रम की लैंडिंड होनी है.
सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बेहतरीन एल्गोरिदम होना सही
बता दें कि इसरो का चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है. इसको चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरकर यहां का परीक्षण करना है. चंद्रयान-3 में एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक रोवर और एक लैंडर है. चंद्रयान-3 की सफलता के लिए नए उपकरण लगाए गए हैं. इस मिशन का सबसे मुख्य पड़ाव चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बेहतरीन एल्गोरिदम होना है. इन्ही खामियों की वजह से भारत का चंद्रयान-2 मिशन सफल नहीं हो पाया था.
23 अगस्त के दिन चांद के डार्क साइड उतरेगा चंद्रयान-3
गौरतलब है कि 14 जुलाई के दिन दोपहर 2.35 मिनट पर चंद्रयान-3 ने श्री हरिकोटा केंद्र से सफलात पूर्वक उड़ान भरी थी. आगे अगर सबकुछ योजना के अनुसार चलता रहा तो 23 अगस्त के दिन चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सफलता पूर्वक लैंडिंग करेगा. ये चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला है, इसको डार्क साइड ऑफ मून कहते हैं. चांद का यह हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आता है.