Navratri 4th Day 2022: आज यानी 5 अप्रैल को नवरात्री (Navratri 2022) का चौथा दिन है। चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा और उपासना की जाती है। आज का दिन कुष्मांडा देवी को समर्पित है।
पंचाग के अनुसार नवरात्री की चतुर्थी तिथि दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक ही रहेगी और उसके बाद से पंचमी तिथि लग जाएगी. मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा. कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा. कुष्मांडा देवी के व्रत की मान्यता ये है की मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है. इसलिए मां दुर्गा का नाम कूष्मांडा पड़ा.
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें.
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
इस मंत्र को पढ़ने से और इसका जाप करने से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही. साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी. स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी.
कुष्मांडा देवी को चढ़ाएं ये भोग
नवरात्रि के चतुर्थी तिथि में मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद का भोग ज़रुर लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी. साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी.
कैसे करें माँ कुष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें. मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें. कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें. इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें.
जीवन से जुड़ी समस्याओं को करें दूर, इस मंत्र का करें जाप
अगर आप जीवन में किसी भी तरह की परेशानियां झेल रहे है तो उससे छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें. ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा.
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
बौद्धिक क्षमता में वृद्धि और परीक्षा में अच्छे रिजल्ट की इच्छा रखने वाले जातक विद्या प्राप्ति मंत्र का 5 बार जाप करें.
‘या देवी सर्वभूतेषु बिद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए मां को मालपुओं का भोग लगाएं और इस मंत्र का 11 बार जाप करें.
जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्।
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
घर में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए शांति मंत्र का 21 बार जाप अवश्य करें.
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
(वंशिका सिंह)