आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर जीवन को सुखमय और आनंदमई बनाना है तो योग को अपनी नियमित दिनचर्या का लोगों को हिस्सा बनाना पड़ेगा। बता दें कि सीएम योगी ने योग दिवस पर गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजय नाथ सभागार में आयोजित योग शिविर में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने योगासन की विभिन्न मुद्राओं को भी लोगों के बीच प्रस्तुत करके योगाभ्यास का संदेश दिया।
भारत की ऋषि परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर हम सभी के सामने है, दुनिया के सामने है।
हमें यह अवसर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कारण प्राप्त हुआ है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में लोगों को नई प्रेरणा दी है कि विश्व कल्याण का मार्ग केवल और केवल… pic.twitter.com/mvJl8ZXzFi
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) June 21, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार आज दुनिया के लगभग 200 देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। सीएम योगी 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों , प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। वहीं मुख्यमंत्री ने वैश्विक मंच पर योग की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार जताया। वहीं महंत दिग्वियनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संग में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।
आज लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं।
कोई शारीरिक बीमारियों से परेशान है, कोई तनाव से परेशान है, कोई आधि और व्याधि दोनों से प्रभावित है।
इन सभी से संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने में 'योग' की बहुत बड़ी भूमिका है। pic.twitter.com/5zmMdW1823
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) June 21, 2023
वहीं सीएम योगी ने कहा कि भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं हुआ। यहां जो कुछ भी है वह व्यवहारिक है, पहले से प्रमाणित है और योग भी उसी परंपरा का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की भारतीय मनीषा की परंपरा योग हम सबकी विरासत का हिस्सा है। हमें योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हजारों वर्षों से जिस योग को हम अपने जीवन का हिस्सा मानते रहे हैं, वह आज वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है।