Greater Noida Data Centre: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गौतम बुद्ध नगर में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की स्थिती का जायज़ा लिया और अधिकारियों से जिले की प्रगति के लिए और प्रयास करने को कहा। बता दें कि योगी आदित्यानाथ ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सभागार में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए टिप्पणी की। आदित्यानाथ ने कहा की सभी अधिकारी जिले के विकास के लिए और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए और अधिक प्रयास करें ताकि अधिक से अधिक निवेश आए और उद्योग स्थापित हों.मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को प्राथमिकता दी जाए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया की उनके लिए गौतमबुद्धनगर एक अभिशप्त स्थान माना जाता था। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा की जब मैंने आज से 5 वर्ष पहले यहां की यात्रा प्रारम्भ की थी तब हमारे विपक्ष मित्रों ने कहा था कि आपकी कुर्सी खतरे में है। मैंने कहा था कि कुर्सी किसी के साथ नहीं जाती है और हमने जो संकल्प लिया उसको पूरा भी किया।
बता दें कि योगी ने उत्तर प्रदेश से पहले डेटा सेंटर का उद्घाटन किया और ग्रेटर नोएडा में 39 हज़ार करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए. चलिए आपको बताते है की क्या है डेटा सेंटर और क्या है इसकी खासियत
क्या है डेटा सेंटर
ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ योट्टा डी1 डाटा सेंटर उक्कर भारत के डाटा सेंटर का गेटवे होने के साथ ही कई बिंदुओं में खास है। 250 मेगावाट की क्षमता वाले इस डाटा सेंटर स्टोरेज का आकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 60 लाख हाई डेफिनेशन (एचडी) की फिल्मों जितने डाटा को स्टोर किया जा सकता है। बहुत सी कंपनियां अब धीरे-धीरे लोगों के डाटा सेंटर बनाने पर जोर दे रही है। आपको बता दें कि डााटा सेंटर एक ऐसी जगह होती है जहां डाटा को स्टोर करने के साथ -साथ इन्फॉर्मेशन को प्रोसेस भी किया जाता है। साथ, ही, इस इन्फॉर्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है।
डेटा सेंटर्स में बहुत से सर्वर लगाए जाते हैं और डाटा को प्रोसेस करने और जानकारी को सुरक्षित रखने का काम किया जाता है। अगर किसी खास कंपनी को जानकारी चाहिए तो उन्हें डाटा दिया जाता है।
3 लाख स्कवायर फीट में फैला है ये सेंटर
डाटा सेंटर का निर्माण 2021 की शुरुआत में हीरानंदानी समूह की मुंबई स्थित सहायक कंपनी Yotta द्वारा शुरु किया गया था। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, यह नोएडा में पहला डाटा सेंटर पार्क होगा। इसमें छह इमारतें होंगी जो एक-दूसरे से परस्पर जुड़ी होंगी। इन इमारतों में 30,000 रैक रखी जाएंगी और इन्हें ऑपरेट करने के लिए 250 मेगावट से अधिक बिजली खर्च होगी। एक खास बात यह भी है कि डाटा सेंटर 3 लाख स्कवायर फीट क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे ₹5,000 करोड़ की लागत से बनाया गया है.
5 जी नेटवर्कको ग्रेनो से मिलेगा डाटा
सुनील गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाइपर स्केल सेंटर श्रेष्ठ कनोक्टिविटी को दर्शाता है। अमेरिका और यूरोप के डाटा सेंटर की तुलना में यह काफी आधुनिक है और स्टोरेज की क्षमता भी अधिक है। पिछले दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जी सुविधा देश को समर्पित की थी। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि उत्तर भारत की बड़ी टेलीकम्यूनिकेशन कंपनियों के 5जी नेटवर्क का डाटा इसी सेंटर से उपलब्ध कराया जाएगा।
विदेश की निर्भरता होगी खत्म
डाटा सेंटर के बनने से अब विदेश में डाटा स्टोर तरने की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। पिछले कुछ वर्षो तक अमेरिका ,यूरोप व सिंगापुर में डाटा सेंटर में स्टोर कराया जाता था। देश में पिछले 10 वर्षो में इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म, आधार कार्ड की जानकारियां, बैकिंग का डाटा, मोबाइल एप आदि का उपयोग काफी बढ़ गया है।
इन सभी डाटा समेटने की क्षमता काफई कम थी। इसी को ध्यान में रखतें हुए डाटा सेंटर के क्षेत्र में ईत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा किया जा रहा है।